MP Tiger Boar Rescue: मध्यप्रदेश में सिवनी के पेंच नेशनल पार्क में शिकारी और शिकार दोनों की जान के लाले पड़ गए। दरअसल हुआ यूं कि अपने एक वक्त के खाने का इंतजाम करने के लिए टाइगर जंगली सूअर के पीछे दौड़ता है। वहीं अपनी जान खतरे में देखकर सूअर सिर पर पैर रखकर भागता है। कशमकश जरा लंबी चलती है और सूअर के सामने आगे कुआं पीछे खाई वाली परिस्थिति आ जाती है। इसी आपाधापी में सूअर रास्ते के कुएं में गिर पड़ता है। पीछे-पीछे टाइगर भी कुएं में छपाक।
अब क्या शिकारी और क्या शिकार ? दोनों की जिंदगी खतरे में पड़ गई। टाइगर शिकार भूलकर अपनी जान बचाने में लग गया। वहीं सूअर की हालत तो वैसी हो गई कि आसमान से गिरा और खजूर पर अटका। इसे टाइगर से भागा और कुएं में गिरा भी कह सकते हैं। पूरी तस्वीर बदलते देर नहीं लगी। जिस टाइगर से जान बचाकर सूअर भाग रहा था, वो डूबने से बचने के लिए बेखौफ होकर कई बार टाइगर की पीठ पर चढ़ता नजर आया।
कहां हुआ ये वाकया ?
सिवनी में पेंच टाइगर रिजर्व के बफर एरिया में कुरई के पिपरिया हरदुआ गांव में ये घटना हुई। सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह के पास सूचना आई कि एक कुएं में बाघ और सूअर गिर गए हैं। रजनीश सिंह ने पहले मैदानी अमले को भेजकर कन्फर्म किया। इसके बाद डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह, वाइल्ड लाइफ वेटरनिटी ऑफिसर के साथ रेस्क्यू का सामान लेकर कुएं पर पहुंचे। वहां जाकर देखा कि बाघिन और सूअर दोनों अपनी जान बचाने के लिए कुएं में तैर रहे थे। कुएं में करीब 15 से 20 फीट पानी भरा था।
सबसे रेस्क्यू टीम ने क्या किया ?
पहले रेस्क्यू टीम ने सोचा कि कुएं को खाली कराया जाए, लेकिन इसमें समय लगता और दोनों के डूबने का खतरा था। इसलिए कुएं में फिर लकड़ी के लट्ठे डाले गए, लेकिन बात नहीं बनी। फिर रस्सी बांधकर खटिया कुएं में उतारी गई। दोनों खटिया पर बैठ गए। फिर कुएं को ग्रीन नेट से ढंक दिया गया ताकि वे तेज धूप से बचें और ग्रामीणों के शोर-शराबे से परेशान ना हों।
फिर पिंजरे में आई बाघिन
इसके बाद रेस्क्यू टीम ने हाइड्रोलिक क्रेन की मदद से कुएं में पिंजरा उतारा। लेकिन बाघिन पिंजरे में नहीं आ रही थी। वो खटिया पर बैठी थी। जब खटिया को हिलाया तो बाघिन पिंजरे में घुसी और उसके घुसते ही गेट बंद कर दिया गया।
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बाघिन के बाद सूअर को निकाला
रेस्क्यू टीम ने पहले बाघिन को निकाला और फिर जंगली सूअर को निकाला। जंगली सूअर को तो पास के जंगल में छोड़ दिया, लेकिन बाघिन को नौरादेही टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया क्योंकि वहां टाइगर्स की संख्या कम है। करीब 40 मिनट में दोनों का सफल रेस्क्यू कर लिया गया।
सालों पहले विदिशा में हुआ था ऐसा !
पेंच टाइगर रिजर्व में टाइगर और सूअर का एक साथ कुएं में गिर जाना बेहद रेयर घटना है। सालों पहले मध्यप्रदेश के ही विदिशा जिले में इससे मिलती-जुलती एक घटना हुई थी। विदिशा में एक सूखे कुएं में तेंदुआ और सांभर गिर गए थे। उस वक्त उन दोनों को ट्रेंकुलाइज (बेहोश) करके कुएं से बाहर निकाला गया था।
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