नई दिल्ली। थर्ड जेंडर को लेकर एक बड़ी खुशखबरी MP Third Gender Big Breaking मिलने वाली है। आपको बता दें समाज में बराबरी की बात तो बहुत होती है लेकिन जब बात आती थर्ड जेंडर की तो इनके लिए सभी समानता धरी रह जाती है। पर अब इन्हें भी अपना हक मिलने जा रहा है। जी हां दरअसल सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग ने पीएससी और व्यापमं जैसी परीक्षाओं के आवेदनों में थर्ड जेंडर्स का विकल्प के लिए सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को प्रस्ताव भेजा था। जिसे अब विभाग ने मंजूरी दे दी है।
प्रदेश में पहली बार मिलेगा थर्ड जेंडर का विकल्प —
आपको बता दें एमपी में ऐसा पहली बार होगा जब प्रदेश में सरकारी भर्ती के आवेदन पत्र या फिर योजनाओं के आवेदन पत्रों में महिला पुरूष के अलावा थर्ड जेंडर का विकल्प भी मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई थी मुहर —
आपको बता दें अभी तक प्रदेश की किसी भी सरकारी भर्ती और योजनाओं में केवल महिला पुरुष का ही विकल्प होता था। लेकिन अब इसके साथ एक तीसरा विकल्प थर्ड जेंडर भी जोड़ा जाएगा। दरअसल इस भेदभाव को लेकर थर्ड जेंडर समुदाय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। कि उन्हें शासकीय सेवाओं में आवेदन का अवसर दिया जाएं। जिस पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सामाजिक न्याय विभाग ने शासन को पुरुषों और महिलाओं के बाद अब थर्ड जेंडर को जोड़ने को प्रस्ताव भेजा था।
भले ही छोटा है लेकिन सराहनीय पहल की है शुरुआत —
आपको बता दें प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर सामाजिक न्याय व नि:शक्तजन कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव प्रतीक हजेला का कहना है कि लोक सेवा आयोग व पीईबी की प्रतियोगी परीक्षाओं में पुरूष महिला के बाद अब थर्ड जेंडर का भी तीसरा विकल्प उपलब्ध होगा। भले ही यह छोटा कदम है लेकिन सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा और ऐतिहासिक कदम है। इस नई व्यवस्था से फायदा ये होगा कि अब ये भी सरकारी योजनाओं से जुड़ पाएंगे। जिसके बाद उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ा जा सकेगा।