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MP Tenancy Rent Rules: मकान मालिक अब मनमर्जी नहीं बढ़ा पाएंगे रेंट, इस कंडीशन में किरायदार को देना होगा चार गुना किराया!

Madhya Pradesh Tenancy Model Act 2024 Rent Rules Explained; आज के समय में मकान मालिक और किरायदारों के बीच विवाद की कई घटनाएं सामने आती हैं

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Preeti Dwivedi
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MP Tenancy House Rent Rules: आज के समय में मकान मालिक और किरायदारों के बीच विवाद की कई घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार इन दोनों के ​बीच विवादों को सुलझाने के लिए नया किरायदारी मॉडल एक्ट (Tenancy Model Act) तैयार किया है।

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इसका ड्राफ्ट तैयार हो गया है। इसे शीतकालीन सत्र में पेश किया जाना बाकी है।

जिसके अनुसार मकान मालिक बिना किरायदार की सहमति के किराया नहीं बढ़ा पाएगा।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इसका ड्राफ्ट पेश किया है जिसे शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।

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क्या होंगी मकान मालिक की नई जिम्मेदारियां

नए मॉडल एक्ट के अनुसार यदि मकान मालिक मकान को खाली कराना चाहता है तो इसके लिए उसे सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लेनी होगी।

यदि मकान मालिक किराया बढ़ाना चाहता है तो इसके लिए भी पहले किराएदार की सहमति लेना जरूरी होगी।

यदि किरायदार ने सुरक्षा निधि जमा की है तो मकान खाली होने पर किराएदार की जमा सुरक्षा निधि मकान मालिक को उसी दिन वापस करनी होगी।

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मॉडल एक्ट में दोनों पक्षों के लिए नियम समान

सभी एग्रीमेंट कानूनी दायरे में आएंगे।

मरम्मत की जिम्मेदारी साझा होगी।

यदि कोई भी पक्ष मरम्मत करने से मना करता है, तो दूसरा पक्ष सिक्योरिटी या किराए से रकम काट सकता है।

नए और पुराने एक्ट में क्या है अंतर?

नया एक्ट पूरे प्रदेश में लागू होगा, जबकि जो पुराना एक्ट है वह केवल शहरों और टाउनशिप तक ही सीमित था।

नए एक्ट में ऐसा ड्रॉफ्ट तैयार किया गया है कि इसमें किराया ट्रिब्यूनल और रेंट कोर्ट बनाए जाएंगे।

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पुराने एक्ट में प्रॉपर्टी एजेंट का कोई प्रावधान ही नहीं था। इसके विपरीत नए एक्ट में उनका पंजीकरण भी होगा।

आंकड़ों में 10 लाख मकान खाली

सरकारी आंकड़ों में 2011 की जनगणना के अनुसार, मध्यप्रदेश में लगभग 10 लाख मकान खाली हैं जबकि 1.46 लाख परिवारों के पास रहने के लिए खुद का मकान ही नहीं हैं। जानकारों की मानें तो बढ़ती आबादी और शहरीकरण ने किराए के मकानों की मांग बढ़ा दी है।

एक्ट में क्या प्रावधान हैं?

नए मॉडल एक्ट में बताया गया है कि यदि एग्रीमेंट खत्म होने के बाद भी किराएदार मकान खाली नहीं करता है तो इस कंडीशन में किरायदार को पहले दो महीने में दोगुना और तीसरे महीने से चार गुना किराया देना होगा।

इन विवादों के बीच में किरायदार को भी मूलभूत परेशानी न हो इसके लिए मकान मालिक बिजली, पानी, गैस या अन्य आवश्यक सेवाएं बंद नहीं कर सकता।

किराएदारी अधिनियम होगा लागू

नगरीय विकास एवं आवास विभाग किराएदारी अधिनियम को लागू करने की तैयारी कर रहा है, जिसका उद्देश्य मकान मालिक और किराएदार के अधिकारों को स्पष्ट रूप से बताना होगा।

इस अधिनियम के तहत, किराए पर रहने वाले व्यक्ति को अनुबंध में निर्धारित समय के बाद मकान खाली करना होगा। यदि किराएदार ऐसा नहीं करता तो मकान मालिक शिकायत कर किराया प्राधिकारी से बेदखली की कार्रवाई करा सकेगा।

यह कानून दोनों पक्षों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को संतुलित तरीके से सुनिश्चित करेगा।

किराएदारी अधिनियम के तहत यदि किराएदार की मृत्यु हो जाती है तो उसके उत्तराधिकारी को उस स्थान पर रहने का अधिकार होगा, लेकिन उन्हें भी अनुबंध के नियमों का पालन करना होगा।

इसके अलावा मकान मालिक को किराएदार को तंग करने की अनुमति नहीं होगी। मकान मालिक को जल, विद्युत, पाइप गैस, मार्ग, लिफ्ट, सीढ़ियों की सफाई, पार्किंग, स्वच्छता और सुरक्षा सुविधाओं की आपूर्ति को बाधित करने का अधिकार नहीं होगा।

इसके साथ ही किराएदार के परिसर में प्रवेश के लिए मकान मालिक को कोई अधिकार नहीं मिलेगा। यह सभी प्रावधान मकान मालिक और किराएदार के बीच एक निष्पक्ष और स्पष्ट संबंध सुनिश्चित करेंगे।

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