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MP Teachers Duty
हाइलाइट्स
वोटर लिस्ट रिवीजन में 15 हजार टीचर की ड्यूटी
स्कूलों की पढ़ाई पर मंडरा रहा संकट
नीमच में 7 बीएलओ सस्पेंड, इनमें 5 टीचर
MP Teachers Duty: देश के साथ ही मध्यप्रदेश में चुनाव आयोग के निर्देश पर वोटर लिस्ट का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का काम शुरू हो गया है। जिसमें प्रदेश के 15 हजार टीचर वोटर लिस्ट बनाने में जुटे हैं।
कैसे होगी स्कूलों में पढ़ाई ?
इस काम के लिए मैथ्स और साइंस टीचर्स की भी ड्यूटी लगी है। सबसे बड़ी बात ये है कि ये शिक्षक उस समय स्कूल में ड्यूटी पर लौटेंगे, जिस दिन से बोर्ड एग्जाम शुरू हैं। यानी अब प्रदेश में सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई अब भगवान भरोसे है।
आपको बता दें 4 नवंबर से 65 हजार बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर वोटर्स की जानकारी कलेक्ट करने लगे हैं। ये पूरी प्रक्रिया पूरे एक महीने यानी 4 दिसंबर तक चलेगी।
7 फरवरी से शुरू हैं परीक्षाएं
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं 7 फरवरी से शुरू होकर 5 मार्च 2026 तक चलेंगी।
चल रही 9वीं-10वीं की अर्धवार्षिक परीक्षाएं
वर्तमान में अधिकांश स्कूलों में 9वीं और10वीं की अर्धवार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में एसआईआर ड्यूटी के साथ स्कूल में काम करना बड़ा मुश्किल हो जाएगा। यही हाल पढ़ाई के साथ होगा। संभव ही नहीं है कि सुबह-शाम वोर्टर लिस्ट सर्वे में जाएं और स्कूल में भी बच्चों का पढ़ाएं।
पढ़ाई पर पढ़ेगा ये असर
- बोर्ड परीक्षाओं से पहले के 3 महीने बर्बाद-बच्चे Revision नहीं कर पाएंगे।
- छमाही परीक्षाओं में गड़बड़ी- टीचर नहीं, तो परीक्षा और गाइडेंस दोनों ठप।
- सिलेबस पिछड़ जाएगा- खासकर मैथ, साइंस, इंग्लिश वाले बच्चे परेशान।
- सिंगल टीचर स्कूलों में ताला लगने जैसा हाल- 6,000 से ज्यादा स्कूल ऐसे।
- बच्चों की पढ़ाई की क्वालिटी गिरेगी- बचे हुए टीचरों पर डबल लोड पड़ेगा।
शिक्षक संगठन ने जताई आपत्ति
टीचर्स की ड्यूटी लगाने को लेकर शिक्षक संगठन ने आपत्ति जताई है। संगठन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र कौशल ने बताया- 2016 में सरकार ने एक आदेश जारी किया था कि गणित और विज्ञान पढ़ाने वाले टीचर्स की चुनाव या अन्य सरकारी कामों में ड्यूटी नहीं लगाई जा सकेगी। इसके बावजूद इस बार आदेश का पालन नहीं किया गया है।
साथ ही सरकार ने हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के शिक्षकों के लिए भी ऐसा ही आदेश जारी किया था।
उपेंद्र का कहना है कि सरकार नहीं चाहती कि बच्चों की पढ़ाई पूरी हो। ऐसे समय में ये सब हो रहा है, जब परीक्षाएं चल रही हैं। दिसंबर के बाद बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। जब स्कूलों का रिजल्ट खराब होता है तो उसका ठीकरा भी शिक्षकों पर ही फोड़ा जाता है।
डीपीआई अफसर बोले- चुनाव आयोग ही देगा जवाब
टीचर्स की SIR में ड्यूटी लगने से पढ़ाई पर असर पड़ेगा। जब इस बारे में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि यह निर्वाचन का मामला है, इसलिए इस पर चुनाव आयोग ही जवाब दे सकता है।
हालांकि, डीपीआई के सूत्रों के अनुसार, कमिश्नर शिल्पा गुप्ता ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी के शिक्षकों को निर्वाचन कार्य से मुक्त रखने की सिफारिश की थी। इसके बावजूद शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी गई।
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नीमच में SIR का काम करते बीएलओ।[/caption]
नीमच में 7 BLO निलंबित, इनमें 5 शिक्षक
4 नवंबर से डोर टू डोर सर्वे से पहले, नीमच के तहसील भवन में बीएलओ को 2003 की मतदाता सूची से मौजूदा मतदाताओं का सत्यापन करने का कार्य सौंपा गया था। इस दौरान निर्वाचन कार्य में लापरवाही के चलते सात बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) को तुरंत निलंबित कर दिया गया।
निलंबित किए गए बीएलओ में प्रिया सैमुअल (शिक्षक), मंगला शर्मा (शिक्षक), ओमप्रकाश जोशी (सहायक ग्रेड-3), नजमा शेख (शिक्षक), अर्चना सैनी (सहायक ग्रेड-3), विमला थोरेचा (शिक्षक) और दिव्यानी प्रजापत (शिक्षक) शामिल हैं। इसी तरह, आगर मालवा जिले में कचनारिया के बीएलओ गोपाल सिंह (प्राथमिक शिक्षक) को भी निलंबित किया गया है।
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