MP Teacher Transfer 2025: मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग के एजुकेशन पोर्टल 3.0 में तकनीकी गड़बड़ियों और प्रशासनिक लापरवाही के कारण लाखों शिक्षकों के तबादलों में गंभीर गड़बड़ियां सामने आईं। वल्लभ भवन (School Education Department) और लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) के बीच समन्वय की कमी के कारण शिक्षकों को अलग-अलग आदेश मिल रहे हैं, जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है।
एक ही पद पर दो शिक्षकों की पोस्टिंग
एक बड़ी समस्या यह है कि कई स्कूलों में एक ही पद पर दो शिक्षकों को भेज दिया गया है। उदाहरण के लिए, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला कोटरा मुस्तानाबाद में प्रिंसिपल का पद खाली था, लेकिन विभाग ने दो अलग-अलग प्रिंसिपल की नियुक्ति कर दी। अब दोनों शिक्षकों के सामने यह दुविधा है कि वे किस आदेश को मानें।
गलत स्कूलों में ट्रांसफर
कई शिक्षकों ने अपनी पसंद के स्कूल चुने, लेकिन उन्हें किसी तीसरे स्कूल में भेज दिया गया। एक शिक्षिका ने भोपाल के दो स्कूलों को चुना था, लेकिन उन्हें बैरसिया के एक अलग स्कूल में ट्रांसफर कर दिया गया। अब वह विभागीय अधिकारियों के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा।
ऑनलाइन-ऑफलाइन ट्रांसफर की उलझन
मध्य प्रदेश में शिक्षकों के तबादलों को लेकर वल्लभ भवन और लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) के बीच समन्वय की कमी गंभीर समस्या पैदा कर रही है। वल्लभ भवन ऑफलाइन तबादला आदेश जारी कर रहा है, जबकि डीपीआई ऑनलाइन आदेश जारी कर रहा है।
समन्वय की इस कमी ने अव्यवस्था की स्थिति पैदा कर दी है, जहां एक तरफ कई स्कूलों में एक ही पद पर दो शिक्षक पहुंच रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कई स्कूलों में पद खाली पड़े हैं। इस अव्यवस्था के कारण न सिर्फ शिक्षकों को असमंजस का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।
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शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्पष्ट किया है कि एक ही पद पर दो शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जा सकती और सभी ट्रांसफर प्रक्रियाएं ऑनलाइन माध्यम से ही संचालित की जानी चाहिए।
विभागी अधिकारियों के अनुसार वल्लभ भवन द्वारा ऑफलाइन आदेश जारी करने के प्रोसेस में सुधार किया जा रहा है, ताकि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियों से बचा जा सके।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए एजुकेशन पोर्टल 3.0 में आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं।
पिछले सत्र में भी हुई थी गड़बड़ियां
पिछले शिक्षण सत्र में भी शिक्षकों की नियुक्ति में देरी और अतिशेष शिक्षकों का समायोजन न होने की समस्या आई थी। इस साल भी यही लापरवाही दोहराई जा रही है, जिससे शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका है।
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