Advertisment

MP Tahsildar Protest Update: तहसीलों में अधिकांश काम प्रभावित, तहसीलदारों ने कहा- ट्रायल के बाद लागू करनी थी व्यवस्था

MP Tahsildar Protest Update: मध्यप्रदेश में न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन के खिलाफ तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का विरोध 11 अगस्त 2025 को भी जारी रहा, जिससे तहसीलों में कामकाज ठप हो गया है।

author-image
BP Shrivastava
MP Tahsildar Protest Update

MP Tahsildar Protest Update

MP Tahsildar Protest August 2025: मध्यप्रदेश में न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन को लेकर तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का विरोध सोमवार, 11 अगस्त को भी जारी रहा। इससे तहसीलों में होने वाले अधिकांश काम प्रभावित हो रहे हैं। एक तरह से तहसीलों में काम ठप सा पड़ा है। हालांकि, तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों से जुड़े अधिकारी संगठन इस विरोध को हड़ताल नहीं बता रहे हैं, लेकिन उनकी कार्यशैली हड़ताल जैसी ही है।

Advertisment

मप्र कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ का कहना है कि सरकार द्वारा लागू की गई व्यवस्था व्यवहारिक नहीं है, इसे पहले कमिश्नर प्रणाली की तरह एक-दो जिलों में लागू करके देखना था, उसके बाद परीक्षण करके ट्रायल करना था, यदि कोई समस्या नहीं आती तो फिर प्रदेशभर में लागू किया जाता।

तहसीलदारों का अघोषित आंदोलन

यहां बता दें, शासन द्वारा न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन के मुद्दे को लेकर पूरे प्रदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदार विरोध कर रहे हैं। इनका यह विरोध 6 अगस्त से शुरु हुआ है। इस दौरान राजस्व विभाग के पीएस विवेक पोरवाल और तहसीलदों के बीच मीटिंग हुई, लेकिन इसमें कोई निराकरण नहीं निकल सका। शनिवार-रविवार छुट्टी के दो दिन छोड़कर वर्किंग-डे के चार दिन तहसीलदार और नायब तहसीलदार रूटिन काम नहीं कर रहे हैं। बड़ी रणनीति के तहत अघोषित आंदोलन कर रहे हैं। जिससे शासन उनके विरोध को हड़ताल नहीं माने और कोई ऐसा एक्शन ना ले सके, जो तहसीलदार और नायब तहसीलदार के विरोध में चला जाए।

यह विरोध है, हड़ताल नहीं

मप्र कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के उपाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी डॉ. शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन को लेकर तहसीलदार और नायब तहसीलदार पूरे प्रदेश में विरोध कर रहे हैं। इसे हम हड़ताल नहीं कह सकते। मुख्यालय में नियमित उपस्थिति दे रहे हैं। आपदा को कार्यों को छोड़कर शेष कार्यों से हम लोग विरत(अलग) हैं। हमारा सरकार से आग्रह है कि न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन के नाम पर आधे कार्यों से कैडर को मूल राजस्व कार्यों से प्रथक किया जा रहा है। ये सबसे बड़ी समस्या है। सरकार से आग्रह कि इस तरह का विभाजन ना किया जाए, ताकि हमारे सभी साथी मूल राजस्व कार्यों को कर सकें।

Advertisment

[caption id="attachment_875782" align="alignnone" width="1022"]publive-image मप्र कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के उपाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी डॉ. शैलेंद्र शर्मा ने कहा, यह विरोध है, हड़ताल नहीं।[/caption]

इससे किसानों और आम पब्लिक को परेशानी होगी

डॉ. शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि इससे जमीन स्तर पर भी काफी व्यवहारिक समस्याएं आ रही हैं। विभाजन से एक ही अधिकारी को दो-तीन कोर्ट दे दी जाएंगी, जिससे उन पर काम का भार पड़ेगा। इससे किसानों और आम पब्लिक को ही परेशानी होगी।

काम में व्यवहाारिक समस्याएं, इसलिए विरोध

उन्होंने बताया कि दो अधिकारियों में काम का विभाजन होने से काफी व्यवहारिक परेशानी आएगी। हमारा सरकार से कहना है कि जैसे दो महानगरों में कमिश्नर प्रणाली लागू की गई है, उसी तरह इसे एक-दो जिलों में ट्रायल के तौर पर लागू करना था। यदि कोई समस्या नहीं आती तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा सकता था।
उन्होंने कहा कि इस विभाजन का पहले व्यवहारिक स्तर पर परीक्षण कराया जाना जरूरी था। इसके साथ ही ये व्यवस्था (प्रणाली) बिना संसाधनों के लागू ही नहीं हो सकती है। ना तो अधिकारियों को उतने पद हैं और ना ही कोर्ट के पास संसाधन हैं। बहुत सारी व्यवहारिक समस्याएं हैं। जिसकी वजह से हम लोग विरोध कर रहे हैं।

Advertisment

[caption id="attachment_875790" align="alignnone" width="973"]publive-image कैबिनेट मंत्री चैतन्य काश्यप को तहसीलदारों ने सीएम के नाम का ज्ञापन सौंपा और समस्याओं के निराकरण की मांग की।[/caption]

ये भी पढ़ें:  जबलपुर: बैंक में बंदूक की नोंक पर डकैती, 12 किलो सोना और नकद लूटकर फरार

मंत्री चेतन्य काश्यप से मिले तहसीलदार

प्रदेश में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के विरोध के छठे दिन में तहसीलदारों ने कैबिनेट मंत्री चैतन्य काश्यप से मुलाकात की और अपनी समस्याएं बताई। तहसीलदारों ने मंत्री काश्यप को सीएम डॉ. मोहन यादव के नाम ज्ञापन सौंपकर समस्या के समाधान की मांग की।

Advertisment

MP Kisan Fasal Bima Yojana: मध्यप्रदेश के किसानों को दो रबी फसलों का बीमा क्लेम कब मिलेगा ?

MP Kisan Fasal Bima Yojana: ठीक 20 दिन पहले मध्यप्रदेश के किसानों को दो रबी की फसलों और एक खरीफ की फसल की बीमा राशि भुगतान करने की खबर सामने आई थी। इस हिसाब से किसानों 1450 करोड़ रुपए से ज्यादा का बीमा क्लेम मिलना था, लेकिन रविवार, 11 अगस्त को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि एमपी के किसानों को खरीफ 2024 के बीमा क्लेम के 1156 करोड़ रुपए किसानों के खातों में ट्रांसफर किए जाएंगे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

हमें XFacebookWhatsAppInstagram पर फॉलो करें। हमारे यू-ट्यूब चैनल Bansal News MPCG को सब्सक्राइब करें।
MP tahsildar protest Nayab tahsildar strike Madhya Pradesh judicial non-judicial division junior administrative service association MP tehsil work halt administrative protest 2025
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें