हाइलाइट्स
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एमपी महिला हाॅकी एकेडमी का चीफ कोच गायब
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8 महीने से नहीं आ रहा खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देने
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खेल विभाग को पता नहीं कोच कब आएंगे
MP Womens Hockey Academy Chief Coach: देश की जानी-मानी मध्यप्रदेश स्टेट महिला हॉकी एकेडमी ग्वालियर का चीफ कोच परमजीत सिंह बरार 8 महीने से ज्यादा समय से गायब है। जिससे एकेडमी की खिलाड़ियों की ट्रेनिंग प्रभावित हो रही है। हालात ये हैं कि हॉकी इंडिया के मौजूदा नेशनल जूनियर गर्ल्स हॉकी टूर्नामेंट में मध्यप्रदेश टीम क्वार्टरफाइनल में छत्तीसगढ़ से हारकर बाहर हो गई। जबकि एमपी की यही टीम पिछले साल उपविजेता रही थी। इसके अलावा पिछले कई साल से नेशनल टूर्नामेंट में टॉप थ्री में रही थी।
यहां बता दें, एमपी स्टेट महिला हॉकी एकेडमी ग्वालियर में स्थित है और इसका संचालन खेल एवं युवक कल्याण विभाग करता है। इस एकेडमी टीम की पूरे देश में धमक है और जब से एकेडमी की लड़कियां मध्यप्रदेश की टीम में शामिल होने लगी हैं, तभी से हॉकी एमपी टीम (एसोसिएशन) का मान भी खूब बढ़ गया है। इससे पहले एमपी टीम का कहीं नामो निशान नहीं था। एमपी टीम में अधिकतर खिलाड़ी ग्वालियर एकेडमी की ही रहती हैं।
चीफ कोच कब आएंगे विभाग को जानकरी नहीं !
एकेडमी के रख रखाव एमपी सरकार का भारी भरकम खर्च हो रहा है, लेकिन चीफ कोच परमजीत सिंह बिना सूचना के गायब हैं। कोच के ना रहने से खिलाड़ियों की ट्रेनिंग पर असर पड़ रहा है। पिछले साल में एकेडमी और मध्यप्रदेश की हॉकी टीम के परफॉरमेंस में बहुत गिरावट आई है। कोच कब आएंगे, इसका जानकारी खेल विभाग के अफसरों को भी नहीं है।
विमेंस जूनियर नेशनल हॉकी में एमपी की फजीहत
आंध्रप्रदेश के काकीनाडा में मंगलवार, 12 अगस्त को संपन्न हुई हॉकी इंडिया की 15वीं जूनियर गर्ल्स नेशनल हॉकी चैंपियनशिप में मध्यप्रदेश की टीम जमकर फजीहत हुई। नेशनल टूर्नामेंट में टॉप में रहने वाली एमपी टीम क्वार्टरफाइनल में छत्तीसगढ़ से हार गई। इस टीम में एकेडमी की 13 खिलाड़ी शामिल थीं। यहां बता दें, मध्यप्रदेश की महिला हॉकी टीम में अधिकतर एकेडमी की खिलाड़ी ही शामिल रहती हैं, क्योंकि वे सालभर एक साथ रेगुलर ट्रेनिंग में होती हैं।
पिछले साल उपविजेता बनी थी टीम
एकेडमी की खिलाड़ियों के बूते पर ही मध्यप्रदेश की महिला हॉकी टीमें तीनों कैटेगरी में टॉप पर रहती हैं और गोल्ड, सिल्वर या ब्रॉन्ज मेडल लेकर लौटती हैं। जूनियर गर्ल्स नेशनल में खराब प्रदर्शन करने वाली एमपी टीम ने पिछले साल 14वीं नेशनल जूनियर विमेंस टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीता था। जो इस बार दोयम दर्जे की छत्तीसगढ़ जैसी टीम से हारकर बाहर हो गई।
एक असिस्टेंट कोच के भरोसे एकेडमी टीम
ग्वालियर एकेडमी में वर्तमान में करीब 85 लड़कियां ट्रेनिंग ले रही हैं और इन्हें एक असिस्टेंट कोच के भरोसे ट्रेनिंग के लिए छोड़ दिया गया है। एकेडमी की एक अन्य असिस्टेंट कोच इंडिया कैंपर के साथ हैं। एकेडमी की ट्रेनिंग का यह हाल एक साल से ऐसे ही चल रहा है। जिसका परिणामों पर असर दिखाई देने लगा है।
ट्रायल के दौरान भी गायब रहे चीफ कोच
मई-जून 2025 में एमपी स्टेट विमेंस हॉकी एकेडमी ग्वालियर के नए सत्र के लिए खिलाड़ियों की ट्रायल हुई थी, उसमें भी चीफ कोच मौजूद नहीं रहे। इस दौरान नए खिलाड़ियों को एकेडमी में प्रवेश दिया जाता है और अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाली प्लेयर्स को बाहर किया जाता है। ऐसे में चीफ कोच की अनुपस्थिति बेहद जरुरी होती है।
2.75 लाख वेतन-भत्ते (प्रति माह)
एकेडमी के चीफ कोच परमजीत सिंह बरार के वेतन और भत्ते करीब 2.75 लाख रुपए महीना है। इसमें वेतन 2.25 लाख और भत्ते 50 हजार रुपए हैं। सूत्र बताते हैं कोच को दी जाने वाली यह बड़ी राशि हर महीने खेल विभाग से जारी हो रही है।
FAQ
चीफ कोच मई तक छुट्टी पर थे, आने का पता नहीं
पूरे मामले पर ग्वालियर के खेल एवं अधिकारी और एकेडमी के इंचार्ज जोसेफ बाक्सला सीधी बातचीत के अंश-
चीफ कोच परमजीत सिंह कब छुट्टी पर हैं ?
-मई 2025 तक छुट्टी पर थे।
कोच ने छुट्टी की क्या वजह बताई ?
-उनकी बेटा-बेटी की शादी थी।
कब आएंगे चीफ कोच ?
-अब तक ऐसा कुछ नहीं बताया,
क्या उनके ना रहने से कोई फर्क पड़ता है ?
-बहुत फर्क पड़ता, एकेडमी की प्लेयर्स की प्रेक्टिस ठीक से नहीं हो पा रही है। रिजल्ट खुद बता रहे हैं।
आप से बातचीत हुई, कब आ रहे हैं ?
-बस यही कहते हैं, आ रहा हूं
आपने इसकी जानकारी डायरेक्टर स्पोर्ट्स को दी ?
– डायरेक्टरेट में सभी बड़े अफसरों को जानकारी है, मैंने भी मौखिक रूप से बताया है।
कोच की कोई ऑप्शनल व्यवस्था हो रही है ?
-इस बारे में भोपाल (डायरेक्टरेट) से ही पता चल सकेगा।
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