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Soybean Producing Kisan Protest: सोयाबीन के भाव बढ़वाने की मांग को लेकर मध्य प्रदेश में किसानों का आंदोलन शुरु हो गया है। 1 से 7 सितंबर तक हर पंचायत में इसे लेकर किसान संगठन सरपंच और सचिवों को ज्ञापन देंगे।
आंदोलन के पहले दिन कई गांव में रैली निकाली गई, वहीं पंचायत स्तर पर ज्ञापन दिये जा रहे हैं। झाबुआ के पेटलावद में महिलाओं ने ट्रैक्टर की पूजा कर उन्हें आंदोलन के प्रचार प्रसार के लिए रवाना किया।
ज्ञापन से पहले किया था डिजिटल प्रोटेस्ट
किसान संगठनों ने ज्ञापन अभियान शुरु करने से पहले सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डिजिटल प्रोटेस्ट भी किया था।
https://twitter.com/BansalNewsMPCG/status/1830181552174555365
30 अगस्त को प्रदेश के हजारों किसानों ने सोशल मीडिया पर #सोयाबीन_भाव_6000_करो के साथ पोस्ट की, ताकि जिम्मेदारों तक उनकी मांग पहुंचे।
6 हजार रुपये प्रति क्विंटल की मांग
सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4850 रुपये के आसपास है, लेकिन मंडियों में ये 1000 से लेकर 1350 रुपये तक कम रेट पर बिक रहा है। समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पाने से किसान अब सोयाबीन की फसल से दूरी बना रहे हैं।
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अब किसान संगठनों ने मांग की है कि प्रदेश में सोयाबीन का रेट कम से कम 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए।
किसान संगठनों की ये रणनीति
1 से 7 सितंबर तक किसान संगठन अपने अपने इलाकों में सोयाबीन उत्पादक गांवों में ज्ञापन देंगे। अंदाज इस बात का है कि करीब 10 हजार गांवों में सरपंच और सचिवों को ज्ञापन दिया जाएगा।
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7 सितंबर तक यदि सरकार किसानों की मांगें पूरी नहीं करती है तो किसान फिर सड़कों पर उतरने (Soybean Rate Kisan Protest) की रणनीति बनाएंगे।
एक वीडियो बना आंदोलन की चिंगारी
सोशल मीडिया पर सबसे पहले 18 अगस्त को मंदसौर जिले के गरोठ गांव के किसान कमलेश पाटीदार का ही फसल पर टैक्टर चलाने का वीडियो सामने आया। कमलेश पाटीदार ने ही पुष्टी की कि उनके ही गांव के कुछ और किसानों ने अपनी सोयाबीन की फसल पर ट्रेक्टर चला दिया है।
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ऐसे में जो फसल घाटा देगी ही उसे दो महीने तक और क्यों खेत में खड़ा रखा जाए। पाटीदार ने सोयाबीन की फसल बखर दी है, वह अब इसमें कोई दूसरी फसल लगाएंगे। इसी तरह कई और किसानों ने अपनी खड़ी सोयाबीन की फसल पर टैक्टर चला दिया।
किसान के विरोध की ये है वजह
एक एकड़ में सोयाबीन लगाने की लागत 20 हजार रुपये है। उत्पादन 5 क्विंटल के आसपास होगा तो ऐसे में 3500 के रेट पर उसे मंडी में मात्र 17500 रुपये ही मिलेंगे, यानी अपनी लागत से 2500 रुपये कम।
यही कारण है कि किसान सोयाबीन के कम रेट को लेकर अब आंदोलन (Soybean Producing Kisan Protest) करने के मूड में आ गया है।
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