Advertisment

MP माध्यमिक शिक्षक भर्ती विवाद: हाई कोर्ट ने कहा- भर्ती नियमों में मनमानी बर्दाश्त नहीं, सरकार से दो दिन में मांगा जवाब

MP Teacher Recruitment Controversy: मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने सरकार को बड़ा आदेश दिया है ओर दो दिन में जवाब मांगा है।

author-image
BP Shrivastava
MP Teacher Recruitment Controversy

MP Teacher Recruitment Controversy: मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। ऑनलाइन आवेदन फॉर्म में सरकारी कर्मचारियों और अतिथि शिक्षकों के लिए विकल्पों की विसंगति के चलते कई अभ्यर्थी अपने वास्तविक विवरण दर्ज करने से वंचित रह गए। इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, जिसमें गुरुवार, 20 फरवरी को तत्काल सुनवाई हुई।
सुबह 11 बजे चीफ जस्टिस से इस मामले में विशेष अनुमति लेकर इसे दोपहर 2:30 बजे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया। जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने मामले को गंभीर मानते हुए राज्य सरकार को दो दिन के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

Advertisment

क्या है मामला ?

मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन आवेदन पोर्टल पर केवल दो विकल्प दिए गए हैं।

  • 1. सरकारी कर्मचारी
  • 2. अतिथि शिक्षक

समस्या यह है कि दोनों विकल्पों को एक साथ नहीं चुना जा सकता। ऐसे में वे उम्मीदवार, जो सरकारी कर्मचारी भी हैं और अतिथि शिक्षक के रूप में भी अनुभव रखते हैं, अपने वास्तविक विवरण दर्ज नहीं कर पा रहे हैं।

publive-image

याचिकाकर्ताओं के वकील धीरज तिवारी ने ये दिए तर्क

याचिकाकर्ताओं के वकील धीरज तिवारी ने दलील दी कि "प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को भर्ती प्रक्रिया में अपने रोजगार की जानकारी देना अनिवार्य होता है, लेकिन इस बार पोर्टल पर ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई है। यह शर्त पूरी तरह से असंवैधानिक और नियमों के विरुद्ध है। इससे हजारों उम्मीदवार प्रभावित हो रहे हैं।"

Advertisment

हाईकोर्ट में तत्काल सुनवाई, सरकार से 2 दिन में जवाब तलब

याचिकाकर्ताओं ने इस मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की, जिसे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने सुबह 11 बजे अनुमति दी। इसके बाद दोपहर 2:30 बजे जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की।

हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीर मानते हुए कहा कि "शिक्षक भर्ती प्रक्रिया लाखों उम्मीदवारों के भविष्य से जुड़ी हुई है। ऐसे में भर्ती नियमों में किसी भी प्रकार की अस्पष्टता या मनमानी बर्दाश्त नहीं की जा सकती।"

  • अदालत ने सरकार को दो दिन में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया और यह स्पष्ट करने को कहा कि आवेदन प्रक्रिया में इस तरह की शर्त क्यों रखी गई ?
  • सरकारी कर्मचारी होते हुए भी अतिथि शिक्षक का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा ?
  • क्या यह भर्ती नियमों और समान अवसर के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन नहीं है ?
Advertisment

याचिकाकर्ताओं का पक्ष

  • याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट्स ने तर्क दिया कि मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती नियम, 2018 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो सरकारी कर्मचारियों को अतिथि शिक्षक श्रेणी से बाहर करता हो।
  • भर्ती में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उम्मीदवारों को सही जानकारी दर्ज करने की अनुमति मिलनी चाहिए।
  • सरकारी कर्मचारी होते हुए भी अतिथि शिक्षक के अनुभव का लाभ न देना नियमों के विपरीत है।
  • 2023 में आयोजित उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती में भी कई प्राथमिक शिक्षक, जो पहले से सरकारी सेवा में थे, उन्होंने गेस्ट फैकल्टी का चयन किया और उच्च माध्यमिक शिक्षक पद पर नियुक्ति प्राप्त की। इस आधार पर यह स्पष्ट होता है कि वर्तमान भर्ती प्रक्रिया में लगाए गए प्रतिबंध पूरी तरह से मनमाने और अवैध हैं।

सरकार का पक्ष

सरकार की ओर से 11 फरवरी 2025 को जारी आदेश में कहा गया कि "जो उम्मीदवार सरकारी कर्मचारी हैं और अतिथि शिक्षक के रूप में अनुभव रखते हैं, वे अतिथि शिक्षक श्रेणी के लाभ के पात्र नहीं होंगे।"
सरकार का तर्क है कि यह नियम संभावित दोहरे लाभ (Double Benefits) को रोकने के लिए लागू किया गया है। हालांकि, याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह पूरी तरह अवैध और अनुचित है, क्योंकि दोनों श्रेणियों के लाभ अलग-अलग प्रकृति के हैं।

ये भी पढ़ें:  डॉक्टर्स का प्रदेशव्यापी आंदोलन भोपाल से शुरू: MP में मांगों को लेकर कालीपट्टी बांधकर डॉक्टर कर रहे प्रदर्शन

Advertisment

आगे क्या ?

  • इस मामले की अगली सुनवाई दो दिन बाद होगी, जिसमें सरकार को अपना जवाब दाखिल करना होगा। यदि सरकार अपना पक्ष स्पष्ट नहीं कर पाती है, तो हाईकोर्ट इस मामले में कड़े निर्देश जारी कर सकता है।
  • याचिकाकर्ताओं को उम्मीद है कि हाईकोर्ट इस नियम को असंवैधानिक घोषित कर भर्ती प्रक्रिया में संशोधन का आदेश देगी।
  • इस मामले पर अब पूरे प्रदेश के शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों की नजरें टिकी हुई हैं।

MP में मृत मिला काला हिरण: शिकार की आशंका, शरीर पर मिले गंभीर घाव के निशान, डॉक्टर ने क्या कहा ?

MP Blackbuck Hunting Case

MP Blackbuck Hunting Case: मध्यप्रदेश के विदिशा में काला हिरण मृत अवस्था (Dead Blackbuck ) में मिला है। हिरण की बॉडी कुरवाई तहसील के ग्राम सिहोरा में पड़ी मिली। इसके बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई। हिरण के पीछे के पैरों पर गंभीर निशान पाए गए हैं, जिससे शिकार की आशंका जताई जा रही हैं। इस बात का ठीक से खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो सकेगा। घटना की सूचना पर पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। काले हिरण की मौत कैसे हुई, इसकी जांच की जा रही है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

MP High Court MP Teacher Recruitment Controversy
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें