MP Bhopal School Bus New Rule: बाणगंगा चौराहे पर हाल ही में हुए स्कूल बस हादसे के बाद प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जिला प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस ने स्कूल बसों की फिटनेस रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है। अब स्कूल-कॉलेज खुलने से पहले सभी बस ऑपरेटरों को फिटनेस सर्टिफिकेट और अन्य सुरक्षा दस्तावेज जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से कलेक्टर कार्यालय में जमा कराने होंगे।
सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के तहत सख्त नियम लागू
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में भोपाल के करीब 90 स्कूलों और कॉलेजों के प्रतिनिधियों और बस ऑपरेटरों ने हिस्सा लिया। इस दौरान ट्रैफिक पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 18 मापदंडों की जानकारी PPT के माध्यम से दी। डीसीपी ट्रैफिक संजय सिंह ने स्पष्ट किया कि गाइडलाइंस का पालन न करने वालों पर सड़क पर ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ये हैं स्कूल बसों के लिए जरूरी सुरक्षा मानक (Supreme Court Guidelines for School Buses):
- बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट और वैध इंश्योरेंस होना जरूरी
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ड्राइवर के पास हेवी व्हीकल लाइसेंस और कम से कम 5 साल का अनुभव होना चाहिए
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नियम उल्लंघन पर ड्राइवर को हटाया जाए, खासकर ओवरस्पीडिंग या नशे की स्थिति में
- स्पीड गवर्नर और आगे-पीछे सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य
- बच्चों की संख्या निर्धारित सीटों से अधिक नहीं हो
- बस का रंग पीला और सामने-पीछे ‘स्कूल बस’ लिखा होना चाहिए
- किराए की बस पर ‘ऑन स्कूल ड्यूटी’ लिखा हो
- GPS सिस्टम, फर्स्ट एड बॉक्स, फायर एक्सटिंग्विशर अनिवार्य
- खिड़कियों में ग्रिल, दरवाजों पर सुरक्षित सिटकनी और बैग रखने की उचित व्यवस्था
- छात्राओं की सुरक्षा के लिए महिला स्टाफ की उपस्थिति
- ड्राइवर के पास सभी छात्रों की सूची, ब्लड ग्रुप और स्टॉप जानकारी होना जरूरी
प्रबंधन को करना होगा स्वयं सुरक्षा ऑडिट
स्कूल शुरू होने से पहले सभी बस ऑपरेटरों को एक ट्रांसपोर्ट अधिकारी नियुक्त कर बसों की फिटनेस जांच, ड्राइवर की स्क्रीनिंग और ओरिएंटेशन कराना अनिवार्य है। इसके बाद संयुक्त प्रमाण पत्र बनाकर प्रशासन को जमा करना होगा। नशे के आदी ड्राइवर या कंडक्टर को नौकरी पर नहीं रखा जाएगा। इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन को समय-समय पर बसों में सफर कर स्वयं सुरक्षा ऑडिट करना होगा।
चेकिंग अभियान जारी, 41 बसों पर कार्रवाई
ट्रैफिक पुलिस का सड़क सुरक्षा अभियान सोमवार को भी जारी रहा। 19 स्थानों पर करीब 215 स्कूल और यात्री बसों की चेकिंग की गई, जिसमें 41 बसों पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। यह अभियान 31 मई तक लगातार चलेगा।