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मनमानी करना पड़ा भारी: MP में कलेक्टर ने प्राइवेट स्कूल पर ठोका लाखों का जुर्माना, 7 दिनों के भीतर देना होगा फाइन वरना..

MP Satna Collector fines Private School: सतना में निजी स्कूल की मनमानी पर कलेक्टर का सख्त ऐक्शन। बिना अनुमति फीस बढ़ाने और जबरन किताबें-स्टेशनरी खरीदने के आरोप में ₹2 लाख का जुर्माना।

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Shashank Kumar
MP Satna Collector fines Private School

MP Satna Collector fines Private School

हाईलाइट्स:

  • कलेक्टर ने प्राइवेट स्कूल पर ठोका लाखों का जुर्माना
  • फीस वृद्धि, किताबें और ड्रेस खरीदने का दबाव
  • 7 दिन में जमा करना होगा जुर्माना राशि
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Satna Collector fines Private School: मध्य प्रदेश के सतना में प्राइवेट स्कूल को जिला प्रशासन के आदेश का उल्लंघन करना भारी पड़ गया। दरअसल, सतना में कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस (Satna Collector) ने निजी स्कूलों की मनमानी पर सख्त रुख अपनाते हुए नन्ही दुनिया स्कूल पर ₹2 लाख का जुर्माना ठोक दिया है।

स्कूल प्रशासन पर शुल्क वृद्धि, एनसीईआरटी के अलावा अन्य निजी प्रकाशकों की किताबों की बिक्री और निश्चित दुकानों से स्कूल ड्रेस व स्टेशनरी खरीदने का दबाव डालने के गंभीर आरोप लगे थे। इन आरोपों की जांच के बाद कलेक्टर ने स्कूल प्रबंधन को 7 दिनों के भीतर जुर्माना भरने का निर्देश दिया है।

अभिभावकों की शिकायत के बाद प्रशासन हरकत में आया

स्कूल प्रबंधन की अनियमितताओं को लेकर कई अभिभावकों ने कलेक्टर से शिकायत की थी। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) टीपी सिंह ने स्कूल का निरीक्षण किया और तीन प्रमुख बिंदुओं पर जांच की। निरीक्षण के दौरान प्रशासन को कई गड़बड़ियां मिलीं, जिनमें अवैध शुल्क वृद्धि और अभिभावकों पर दबाव डालकर खास दुकानों से ड्रेस और किताबें खरीदने जैसी बातें सामने आईं।

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बिना अनुमति फीस बढ़ाने पर एक्शन

जांच में सामने आया कि स्कूल प्रशासन ने सत्र 2024-25 और आगामी सत्र 2025-26 के लिए बिना सक्षम समिति की अनुमति के फीस बढ़ा दी।

  • नर्सरी से कक्षा 4 तक – 20% तक बढ़ोतरी
  • कक्षा 5 – लगभग 15% बढ़ोतरी
  • कक्षा 7-8 – 20% तक वृद्धि

शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार, बिना सक्षम समिति की मंजूरी के स्कूल कोई भी शुल्क वृद्धि नहीं कर सकता। लेकिन स्कूल प्रबंधन ने इस नियम की अनदेखी की।

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ड्रेस और स्टेशनरी के लिए बनाए गए दबाव की पुष्टि

निरीक्षण के दौरान स्टाफ सदस्यों ने पुष्टि की कि अभिभावकों को "माही साइबर और स्टेशनरी" से स्कूल ड्रेस और किताबें खरीदने के लिए कहा जाता था। यही नहीं, स्कूल प्रबंधन ने बुक सेलिंग का काम भी अपने संस्थान के भीतर कर रखा था। जांच के दौरान इससे जुड़ी एक प्रति जब्त भी की गई।

नियमों की अनदेखी पर कलेक्टर का सख्त संदेश

प्रशासन के मुताबिक, यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि संस्था छात्रों और अभिभावकों पर आर्थिक दबाव बना रही थी, जो शिक्षा अधिनियम और कलेक्टर (Satna Collector) के निर्देशों का उल्लंघन है। इसी के चलते कलेक्टर ने स्कूल पर ₹2 लाख का जुर्माना लगाया और अन्य निजी स्कूलों के लिए भी चेतावनी जारी की।

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निजी स्कूलों पर प्रशासन की कड़ी नजर

कलेक्टर ने कहा कि यह कार्रवाई निजी स्कूलों की अनियंत्रित मनमानी पर लगाम लगाने के लिए की गई है। हालांकि, अभी भी कई स्कूल योजनाबद्ध तरीके से अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाल रहे हैं।

प्रशासन अब अन्य निजी स्कूलों की भी सघन जांच करेगा और अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई करेगा। कलेक्टर ने चेतावनी दी कि अगर कोई भी स्कूल शिक्षा नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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