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MP Sarkari Naukri: मध्यप्रदेश के राजस्व विभाग में 1200 नए पदों पर हाेगी भर्ती, IT सेक्टर से जुड़े लोगों को मिलेगा मौका

MP Sarkari Naukri: मध्यप्रदेश कैबिनेट ने राजस्व विभाग में 1200 नए पदों पर आईटी विशेषज्ञों की भर्ती करने का फैसला लिया है। साथ बैठक में कई अहम फैसले लिए हैं।

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BP Shrivastava
MP Sarkari Naukri

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MP Sarkari Naukri: मध्यप्रदेश कैबिनेट की पचमढ़ी के राजभवन में मंगलवार, 3 मई को हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इसमें राजस्व विभाग में 1200 नए पदों पर भर्ती की जाएगी। ये सभी आईटी विशेषज्ञ होंगे। इससे किसानों को घर बैठे नामांतरण और सीमांकन जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी। इसके अलावा राजस्व कमिश्नर और लैंड रिकॉर्ड कमिश्नर के पद को एक करने का निर्णय लिया गया है। यानी अब दोनों पदों की जिम्मेदारी एक ही अधिकारी संभालेगा।

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राजस्व विभाग में 500 पद खत्म कर 1200 पद सृजित होंगे

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मोहन कैबिनेट ने राजस्व विभाग में 500 पदों को खत्म कर 1200 पदों का सृजन करने का फैसला किया है। इन पदों पर आईटी के क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों को रखा जाएगा। इससे किसानों को घर बैठे नामांतरण और सीमांकन जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी और व्यवस्था को और पारदर्शी बनाया जा सकेगा।

[caption id="attachment_831534" align="alignnone" width="831"]publive-image एमपी कैबिनेट की बैठक 3 जून को पचमढ़ी के राजभवन में हुई। इस मौके पर सीएम डॉ. मोहन यादव अपने कैबिनेट के सदस्यों के साथ।[/caption]

प्रमुख राजस्व आयुक्त और आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालयों के पुनर्गठन की स्वीकृति

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कैबिनेट ने निर्णय लिया कि प्रमुख राजस्व आयुक्त (Chief Revenue Commissioner) एवं आयुक्त भू-अभिलेख (Commissioner Land Records Offices) कार्यालयों का पुनर्गठन किया जाए। दोनों कार्यालयों के पुनर्गठन के बाद एकीकृत कार्यालय का नाम कार्यालय आयुक्त भू-संसाधन प्रबंधन होगा, जिसमें एक मुख्यालय एवं एक सहायक मुख्यालय होगा। वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप अधीक्षक भू-अभिलेख (Superintendent Land Records) एवं सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख (Assistant Superintendent Land Records) को क्रमशः तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार में समायोजित किया गया है।

एडिशनल और नायब तहसीलदार करेंगे ये काम

इस तरह प्राप्त अतिरिक्त तहसीलदार (Additional Tehsildar ) और नायब तहसीलदार (Naib Tehsildar) को न्यायालयीन कार्य एवं गैर न्यायालयीन कार्य जैसे प्रोटोकॉल, कानून व्यवस्था, सर्वे इत्यादि के रूप में पदस्थ किया जाएगा। न्यायालयीन कार्य के लिए पृथक तहसीलदार होने से प्रतिदिन राजस्व न्यायालय में न्यायालयीन कार्यवाही संभव होने से राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गति आएगी।

[caption id="attachment_831538" align="alignnone" width="870"]publive-image सीएम डॉ. मोहन यादव अपनी कैबिनेट की महिला मंत्रियों के साथ।[/caption]

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तीन श्रम कानूनों में संशोधन का अनुमोदन

कैबिनेट ने श्रम कानूनों में प्रक्रिया का सरलीकरण एवं छोटे और मध्यम स्तर के संस्थानों और उद्योगों पर अनुपालन (Compliance) के बोझ को कम करने के उद्देश्य से तीन श्रम कानूनों में संशोधन की अनुमति दी है।

  • ठेका श्रम (विनियमन और उत्सादन) अधिनियम, 1970 के अंतर्गत वर्तमान में नियोजन के लिए निर्धारित 20 ठेका श्रमिक सीमा को बढ़ाकर 50 ठेका श्रमिक किया गया है।
  • कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत शक्ति की सहायता से विनिर्माण प्रक्रिया चलाने वाले परिसरों में वर्तमान में निर्धारित 10 श्रमिक नियोजित होने तथा बिना शक्ति की सहायता से विनिर्माण प्रक्रिया चलाने वाले परिसरों में वर्तमान में निर्धारित 20 श्रमिक नियोजित होने की सीमा को क्रमशः शक्ति की सहायता से विनिर्माण प्रक्रिया चलाने वाले परिसरों में 20 श्रमिक तथा बिना शक्ति की सहायता से विनिर्माण चलाने वाले परिसरों में 40 श्रमिक तक बढ़ाया गया।
  • औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के अंतर्गत वर्तमान में मात्र लोक उपयोगी सेवाओं में हड़ताल तथा तालाबंदी के पूर्व सूचना-पत्र देने के प्रावधान के स्थान पर इसे समस्त औद्योगिक स्थापनाओं में लागू करने का प्रावधान सम्मिलित किया गया है।

[caption id="attachment_831540" align="alignnone" width="854"]publive-image मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को पचमढ़ी में कैबिनेट की बैठक के पूर्व वंदे-मातरम् का गायन हुआ।[/caption]

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एग्रीटेक-इनोवेशन हब फॉर एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए अनुमोदन

कैबिनेट ने तकनीकी आधारित कृषि विकास एवं कृषि उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार की संभावनाओं को देखते हुए मप्र में एग्रीटेक हब / इनोवेशन हब फॉर एग्रीकल्चर "Agritech-Hub/Innovation Hub for Agriculture" परियोजना की स्थापना एवं संचालन के लिए राज्य शासन की ओर से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (MPSEDC) को सहभागीदार बनाए जाने का निर्णय लिया है।

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प्रोजेक्ट के लिए आईआईटी इंदौर को दो करोड़ की सहायता का निर्णय

साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी प्रशासकीय स्वीकृति के रूप में आईआईटी इंदौर को परियोजना की स्थापना के लिए राज्यांश (state share) के रूप में साल 2025-26 के लिए दो करोड़ रुपए की सहायता देने का निर्णय लिया गया है।

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