हाइलाइट्स
- सागर में समिति सहायक प्रबंधक रिश्वत लेते गिरफ्तार।
- लोकायुक्त ने 1 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा।
- जरूआ वेयर हाउस में कार्रवाई, किसानों से मांगी थी रिश्वत।
MP Sagar Bribery Case Lokayukt Raid: मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। लोकायुक्त की सख्त कार्रवाई के बाद भी रिश्वत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं जो ये साबित करते हैं कि सरकारी सिस्टम में भ्रष्टाचार किस हद तक फैला हुआ है। ताजा मामला सागर जिले से जुड़ा है, जहां सेवा सहकारी समिति के सहायक प्रबंधक और उसके साथी को लोकायुक्त टीम ने 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार है। यह कार्रवाई ग्राम पंचायत पड़रई बुजुर्ग के सरपंच की शिकायत के बाद की गई। लोकायुक्त की इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया।
सागर में लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई
सागर जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। लोकायुक्त की टीम ने केसली के जरूआ वेयर हाउस में सहायक प्रबंधक संतोष चौबे और एक प्राइवेट व्यक्ति अजय सिंह घोषी को 1 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा है। यह रिश्वत किसानों की मूंग ग्रेडिंग रिपोर्ट सही करने और वेयर हाउस में भंडारण के एवज में मांगी गई थी।
जानें क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ग्राम पंचायत पड़रई बुजुर्ग के सरपंच दिनेश सिंह ने रिश्वतखोरी को लेकर लोकायुक्त में शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि किसानों की लगभग 371 क्विंटल मूंग की तुलाई पूरी हो चुकी थी। जब इस मूंग को शिविका वेयर हाउस भेजा गया, तो वहां के संचालक दिव्यांश तिवारी ने खराब ग्रेडिंग का बहाना बनाकर भंडारण से साफ इनकार कर दिया। इससे परेशान किसान मदद के लिए सहकारी समिति के सहायक प्रबंधक संतोष चौबे के पास पहुंचे।
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किसानों से 2 लाख रुपए की रिश्वत की मांग
सहायक प्रबंधक संतोष चौबे ने मदद की बजाय, अपने सहयोगी राजेश पांडे और संचालक दिव्यांश तिवारी के साथ मिलकर मूंग की ग्रेडिंग रिपोर्ट ठीक करने और वेयर हाउस में भंडारण सुनिश्चित करने के एवज में किसानों से 2 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की।
जैसे ही रिश्वत का यह गंभीर मामला लोकायुक्त एसपी कार्यालय तक पहुंचा, निरीक्षक रोशनी जैन को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने तुरंत शिकायत का सत्यापन किया, जिसमें आरोपियों ने स्पष्ट रूप से 1 लाख रुपए की रिश्वत लेकर काम करने पर सहमति जताई। यह पुष्टि होते ही लोकायुक्त टीम ने जाल बिछाने की योजना बनाई।
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रिश्वत लेते ही धराए आरोपी, टीम ने मारी दबिश
मामले में गुरुवार रात, लोकायुक्त टीम ने आवेदक को रिश्वत की तय राशि के साथ वेयर हाउस भेजा। जैसे ही सहायक प्रबंधक संतोष चौबे ने एक लाख रुपए की रिश्वत ली और वह राशि अपने सहयोगी अजय सिंह घोषी को सौंपी, ठीक उसी समय पहले से तैयार लोकायुक्त टीम ने दबिश देकर दोनों को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे मामले में शिविका वेयर हाउस के संचालक दिव्यांश तिवारी को भी आरोपी के रूप में नामजद किया गया है।
लोकायुक्त टीम ने दिखाई सतर्कता
इस कार्रवाई में निरीक्षक रोशनी जैन, निरीक्षक कमल सिंह उईके, निरीक्षक रंजीत सिंह समेत लोकायुक्त कार्यालय के अन्य अधिकारी शामिल रहे। सभी आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है, और मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।