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MP RTO Rules 2025: मप्र आरटीओ में फेसलेस सेवा 30 सितंबर से शुरू, छोटे कामों के लिए नहीं काटने पड़ेंगे ऑफिस के चक्कर

Madhya Pradesh RTO Faceless Services Update - Services Driving License Renewal Permit Tax Payment: आरटीओ जाए बिना घर बैठे ही नया वाहन पंजीकरण और पंजीकरण का नवीनीकरण, ड्राइविंग लाइसेंस, डीएल नवीनीकरण या डुप्लीकेट, कमर्शियल वाहन का परमिट और वाहन टैक्स का भुगतान और रसीद ले सकेंगे।

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BP Shrivastava
MP RTO Rules 2025

MP RTO Rules 2025

हाइलाइट्स

  • मप्र में आरटीओ की फेसलेस सेवा 
  • 30 सितंबर से  सेवा प्रदेश में शुरू होगी
  • आरटीओ से जुड़े छोटे काम होंगे ऑनलाइन
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MP RTO Rules 2025: मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग की कई सेवाएं ऑनलाइन होने वाली हैं। जिससे लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है। जिसके अनुसारअब वाहन पंजीयन, ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण, परमिट और टैक्स भुगतान जैसी कई सेवाएं ऑनलाइन ली जा सकेंगी। मध्यप्रदेश परिवहन विभाग फेसलेस सेवाओं को बढ़ाने जा रहा है। इसके तहत अब लोग आरटीओ जाए बिना घर बैठे ही नया वाहन पंजीकरण और पंजीकरण का नवीनीकरण, ड्राइविंग लाइसेंस, डीएल नवीनीकरण या डुप्लीकेट, कमर्शियल वाहन का परमिट और वाहन टैक्स का भुगतान और रसीद ले सकेंगे।

RTO कोकता में फेसलेस सेवा होगी शुरू

फेसलेस सेवा मप्र में मंगलवार 30 सितंबर से शुरू होगी। इससे दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करने के बाद कुछ सवाल पूछे जाएंगे और आरटीओ जाए बिना काम हो जाएगा। 30 सितंबर से आरटीओ कोकता में फेसलेस सेवा शुरू होगी। अभी सिर्फ लर्नर लाइसेंस जैसी सेवाएं ऑनलाइन हैं, लेकिन कई मामलों में व्यक्ति को आरटीओ जाना पड़ता है।

एजेंट्स की वसूली से मिलेगी राहत

अभी आरटीओ के काम के लिए लोग कार्यालय जाते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा शिकायतें बाहर बैठे एजेंटों द्वारा वसूली की सामने आती हैं। फेसलेस सिस्टम में कुछ सेवाओं के लिए ऑफिस नहीं जाना पड़ेगा। कई कामों के दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड होंगे और सेवा भी घर बैठे ऑनलाइन ही मिल जाएगी।

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MP Bhavantar Yojana: अब मप्र की मंडियों से हर 15 दिन में तय होंगे सोयाबीन के मॉडल रेट

MP Bhavantar Yojana

MP Bhavantar Yojana: मध्यप्रदेश में सोयाबीन किसानों को राहत देने भावांतर योजना फिर शुरू की गई है। रजिस्टर्ड किसान 1 नवंबर से 31 जनवरी तक मंडियों में फसल बेच सकेंगे। हर 15 दिन की बिक्री के बाद प्रदेश की सरकारी मंडियों के औसत रेट के आधार पर एक मॉडल रेट तय होगा। अगर यह मॉडल रेट न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम रहा, तो सरकार अंतर की राशि किसानों के खाते में डालेगी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

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