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MP Redensification Policy 2022 Amendment :मध्य प्रदेश सरकार ने शहरी विकास से जुड़ी ‘रिडेंसिफिकेशन पॉलिसी-2022’ (Redensification Policy-2022) में संशोधन किया है। अब इस नीति के तहत प्रोजेक्ट कलेक्टर गाइडलाइन के 100 प्रतिशत मूल्य के आधार पर बनाए जा सकेंगे। पहले तक डेवलपर्स को सरकारी जमीनों पर प्रोजेक्ट विकसित करने के लिए आंशिक दरों या हिस्सेदारी प्रणाली पर काम करना होता था, लेकिन अब नए संशोधन के बाद प्रक्रिया और पारदर्शी व निवेशक-हितैषी हो गई है।
क्या है रिडेंसिफिकेशन पॉलिसी-2022?
रिडेंसिफिकेशन पॉलिसी ऐसी सरकारी संपत्तियों पर केंद्रित है जिनकी जमीन का बड़ा हिस्सा खाली पड़ा है या जिन भवनों का उपयोग अब संभव नहीं है। इस नीति के तहत सरकार इन स्थानों पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, सरकारी कार्यालय, आवासीय परियोजनाएं और वाणिज्यिक भवन विकसित करवाएगी।
पहले, नीति के अनुसार संपत्ति का लगभग 30% हिस्सा निजी डेवलपर को दिया जाता था, जिसके एवज में सरकार उनसे तय शुल्क प्राप्त करती थी, और शेष 70% हिस्से पर सरकारी निर्माण कार्य कराए जाते थे।
अब क्या बदला है?
हाल ही में किए गए संशोधन के अनुसार, अब रिडेंसिफिकेशन पॉलिसी के तहत बनने वाले सभी प्रोजेक्ट कलेक्टर गाइडलाइन के 100% मूल्य के आधार पर तैयार होंगे। इसका मतलब यह है कि डेवलपर को अब परियोजना का मूल्यांकन सरकारी निर्धारित जमीन दर (Collector Rate) के पूरे मूल्य पर करना होगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी, साथ ही राज्य सरकार को अधिक राजस्व आय प्राप्त होगी।
इसके अलावा, इस संशोधन के बाद परियोजनाओं की स्वीकृति और विकास प्रक्रिया को जिलास्तर पर और अधिक सरल और स्पष्ट बनाया गया है।
उद्देश्य और लाभ
इस नीति का मुख्य उद्देश्य शहरी भूमि का अधिकतम और उपयोगी दोबारा विकास (Redevelopment) करना है।
इसके तीन प्रमुख लाभ होंगे
1. खाली सरकारी भूमि का उपयोग: अब जिलों में पड़ी अनुपयोगी सरकारी जमीनें नए विकास कार्यों में लगाई जा सकेंगी।
2. आवास और वाणिज्यिक ढांचे का विकास: पुरानी जर्जर सरकारी इमारतों की जगह नए आधुनिक भवन और आवास बनेंगे।
3. राजस्व और स्थानीय विकास: प्रोजेक्ट से प्राप्त होने वाली आय उसी जिले के अन्य विकास कार्यों में खर्च की जाएगी।
सरकार ने कराया सर्वे
राज्य सरकार ने सभी जिलों में रिडेंसिफिकेशन के लिए सर्वे कराया है। इसमें यह पता लगाया गया कि कौन-सी सरकारी इमारतें पुरानी और अनुपयोगी हो चुकी हैं, किन परिसरों की भूमि खाली पड़ी है, और किन स्थानों पर वाणिज्यिक या आवासीय प्रोजेक्ट विकसित किए जा सकते हैं।
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इन सर्वे रिपोर्ट्स के आधार पर नगरीय प्रशासन विभाग (Urban Development Department) ने नए प्रोजेक्ट की योजना तैयार की है।
पुनर्विकास नीति भी लागू
रिडेंसिफिकेशन पॉलिसी के साथ-साथ “पुनर्विकास नीति-2022” (Redevelopment Policy) को भी लागू किया गया है। इसके अंतर्गत 30 वर्ष से अधिक पुरानी सार्वजनिक और निजी इमारतों को तोड़कर आधुनिक फ्लैट और कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे। डेवलपर्स को एफएआर क्रेडिट (FAR Credit) दिया जाएगा, जिससे उन्हें अतिरिक्त निर्माण की अनुमति मिलेगी।
नोडल एजेंसी
इस पूरी प्रक्रिया की नोडल एजेंसी नगरीय विकास विभाग (Urban Development Department) होगी। यह विभाग परियोजनाओं के सर्वे, मंजूरी और राजस्व प्रबंधन की देखरेख करेगा।
पहले क्या था और अब क्या बदला
जमीन का मूल्यांकन आंशिक या साझेदारी आधारित मूल्यांकन कलेक्टर गाइडलाइन के 100% मूल्य पर
संपत्ति उपयोग केवल चयनित संपत्तियों पर सभी उपयुक्त सरकारी संपत्तियों पर
राजस्व लाभ सीमित आय पूर्ण गाइडलाइन मूल्य पर अधिक आय
निर्णय प्रक्रिया विभागीय स्तर पर लंबी प्रक्रिया जिलास्तर पर तेज स्वीकृति
उद्देश्य पुनर्विकास पर केंद्रित पुनर्विकास + आय वृद्धि दोनों
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