हाइलाइट्स
- 49 साल पुराने पार्वती पुल में दरारें, यातायात बंद।
- बुधवार से पुल पूरी तरह से बंद, आवाजाही पर रोक।
- बारिश को लेकर प्रशासन ने लिया बड़ा फैसला।
Rajgarh Parvati Bridge Closed: मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में बुधवार से पार्वती नदी पर पुराबरायठा का क्षतिग्रस्त पुल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। यह निर्णय उस समय लिया गया जब पुल की हालत गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त पाई गई, और प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यातायात रोकने का निर्देश जारी किया। इस पुल से आवाजाही के कारण जान-माल के नुकसान की आशंका है।
पार्वती नदी का पुल पूरी तरह बंद
राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ और भोपाल जिले के बैरसिया के बीच 49 साल पुराने पार्वती नदी के पुल को बुधवार, 2 जुलाई से पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। पार्वती नदी के पुल का जायजा लेने के बाद प्रशासन ने पुल से आवागमन बंद करने का फैसला लिया है। अब इस पुल से छोटे और भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक रहेगी। बता दें कि 16 जनवरी 2025 को क्षतिग्रस्त हुए इस पुल पर प्रशासन ने अब तक कोई स्थाई समाधान नहीं किया। अब बारिश में हादसे की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कारण आवागमन बंद कर दिया है। यह पुल साल 1976 में बना था।
बारिश में पुल बंद करने का फैसला
दरअसल, एमपीआरडीसी मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम संभागीय प्रबंधक की तकनीकी जांच रिपोर्ट के आधार पर बैरसिया नरसिंहगढ़ मार्ग पर आवागमन/यातायात पूरी बंद किया गया था। इसके बाद वैकल्पिक मार्ग के रूप में पार्वती नदी में से पुल के सामांतर मार्ग तैयार किया गया था।
जर्जर पुल पर प्रशासन का फैसला
अब बारिश के मौसम देखते हुए इस वैकल्पिक मार्ग के इस्तेमाल को लेकर प्रशासन के अधिकारियों ने बैठक की। इस बैठक में कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग (सेतु) भोपाल ने बताया कि पार्वती नदी का पुराबरायठा पुल क्षतिग्रस्त है और कभी भी बह सकता है। इसके बाद दो जिलों को जोड़ने वाले इस पुराने पुल पर पानी का दबाव बढ़ने के कारण इसे खतरनाक करार दिया गया।
बारिश में बड़े हादसे का खतरा
बैरसिया एसडीएम आशुतोष शर्मा ने कहा कि बारिश में नदी में बाढ़ और पानी के बहाव से पुल कभी भी गिर सकता है। नदी में पानी बढ़ने से बड़े हादसे का खतरा है। ऐसे में इस पुल के रास्ते को पूरी तरह से बंद कर किया जा रहा है। अब लोग नजीराबाद होते हुए बैरसिया से नरसिंहगढ़ आ जा सकेगें। इसके लिए दिशा सूचक भी लगाए जा रहे हैं। पार्वती नदी के पुल के दोनों तरफ बैरसिया और नरसिंहगढ तरफ से तत्काल प्रभाव से पूरी तरह से आवागमन बंद किया जा रहा है।
ग्रामीणों में नाराजगी, आंदोलन की चेतावनी
इधर, प्रशासन के पुल बंद करने के फैसले को लेकर ग्रामीणों में भारी नाराजगी है, और उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है। ग्रामीणों का कहना है कि छह महीने बाद अभी तक प्रशासन ने पुल निर्माण व बारिश में आवागमन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार नहीं किया। अब अचानक पुल को बंद करने का फैसला लिया है। यदि वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जाएगी तो आंदोलन किया जाएगा।
लोग परेशान, अब लगाना पड़ेगा लंबा चक्कर
अब अचानक रास्ता बंद कर देने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि छह महीने से पुल जर्जर स्थिति में था, लेकिन अब जब बरसात शुरू हो गई है, तब जाकर प्रशासन नींद से जागा है। ग्रामीणों का कहना है कि पुल के दूसरे पार उनकी खेती की ज़मीनें हैं। वहीं, स्कूल जाने वाले बच्चों को अब 50 किलोमीटर का चक्कर लगाकर नरसिंहगढ़ जाना पड़ेगा। उनका कहना है कि रोजाना पढ़ाई, व्यापार और खेती को लेकर आने-जाने की मुश्किल बढ़ गई है।
प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग भी चिन्हित किए हैं। प्रशासन ने सेमलापार, सीलखेडा, लखनवास एवं संवासी दूधियादीवान मार्ग से नौजिराबाद होते वैकल्पिक मार्ग योजना बनाई है, लेकिन स्थानीय लोग इससे जुड़ी कठिनाइयों और भविष्य की चुनौतियों को लेकर चिंतित हैं।