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हाइलाइट्स
2000-2015 की रजिस्ट्री अब ऑनलाइन
300 रुपए में मिलेगी सत्यापित प्रति
50 लाख रजिस्ट्री डिजिटल प्रक्रिया शुरू
MP Property Registry Digital: प्रदेश में प्रॉपर्टी से जुड़े पुराने रिकॉर्ड तक पहुंचना अब आसान होने जा रहा है। सरकार 2000 से 2015 तक की मैन्युअल रजिस्ट्री को डिजिटल स्वरूप में उपलब्ध करा रही है, जिससे लोग बिना कार्यालय जाए घर बैठे अपनी पुरानी रजिस्ट्री डाउनलोड कर सकेंगे। इसमें वह रिकॉर्ड भी शामिल है जो अब तक केवल तहसील या रजिस्ट्री कार्यालय में रखे जाते थे।
पुराने रिकॉर्ड अब डिजिटल रूप में उपलब्ध
भोपाल सहित प्रदेश की करीब 50 लाख मैन्युअल रजिस्ट्री को चरणबद्ध तरीके से डिजिटल किया जा रहा है। इनमें 2010 तक का रिकॉर्ड पहले ही ऑनलाइन किया जा चुका है, जबकि 2015 तक की रजिस्ट्री को सॉफ्टवेयर में फीड करने की प्रक्रिया जारी है। फिलहाल योजना है कि 1995 तक के सभी दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएं। डिजिटल होने के बाद कोई भी व्यक्ति 300 रुपए शुल्क देकर अपनी रजिस्ट्री की सत्यापित प्रति डाउनलोड कर सकेगा।
पहले चरण में भोपाल की 4 लाख, इंदौर की 5 लाख, ग्वालियर की 2 लाख और जबलपुर की 2 लाख रजिस्ट्री डिजिटल की जाएंगी। इससे लाखों लोगों को पुराने दस्तावेजों की सर्च और सत्यापन में आसानी मिलेगी।
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2015 में लागू हुई ई-रजिस्ट्री
अगस्त 2015 से प्रदेश में ई-रजिस्ट्री प्रणाली लागू है। संपदा सॉफ्टवेयर (Sampada Software) के जरिए सर्विस प्रोवाइडर स्लॉट बुक कर रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी करते हैं। नई व्यवस्था के बाद फर्जीवाड़े के मामले कम हुए हैं और लोगों का समय भी बचा है।
पुरानी रजिस्ट्री के डिजिटल होने से अब 15 साल तक की सर्च रिपोर्ट ऑनलाइन मिलना शुरू हो गई है। सरकार की कोशिश है कि इसे आगे बढ़ाकर 30 साल पुराने रिकॉर्ड भी डिजिटल रूप में उपलब्ध कराए जाएं। अभी तक 2 लाख 60 हजार पुरानी रजिस्ट्री डिजिटल की जा चुकी हैं, जिनमें भोपाल की 43 हजार रजिस्ट्री शामिल हैं।
MP New Promotion Policy: एमपी प्रमोशन में आरक्षण मामला, HC ने खारिज की अजाक्स की याचिका, गुरुवार को अगली सुनवाई
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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण मामले पर जारी सुनवाई पर रोक लगाने की मांग करने वाली अजाक्स (अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संघ) की हस्तक्षेप याचिका को ठुकरा दिया है। हाईकोर्ट ने फाइनल हियरिंग (अंतिम सुनवाई) को जारी रखने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से सुनवाई जारी रखने का आग्रह किया, ताकि नई प्रमोशन पॉलिसी पर जल्द फैसला आए और कर्मचारियों को पदोन्नति दी जा सके। बुधवार को याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुनने के बाद, कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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