MP Politics Union Carbide Waste: भोपाल की यूनियन कार्बाइड (यूका) फैक्ट्री के गोदाम में रखा 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा 12 कंटेनरों में लोड होकर रवाना हो चुका है। बुधवार को संभावना है कि इन कंटेनरों को आज रात 250 किमी लंबे ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से पीथमपुर भेजा जाए। अधिकारियों ने बताया कि कंटेनर तब रवाना किए जाएंगे, जब सड़क पर ट्रैफिक कम होगा। गौरतलब है कि जहरीले कचरे को हटाने का काम रविवार दोपहर से शुरू हुआ था। वहीं इंदौर में इस कचरे के निष्पादन को लेकर विरोध शुरू हो गया है। इस विरोध में एमपी सरकार के 2 मंत्रियों के बयान सामने आए हैं।
कचरा जलाने को लेकर दो मंत्री बयान से गहराया विवाद
मध्यप्रदेश में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के मामले को लेकर दो मंत्रियों के अलग-अलग बयान विवाद को और गहरा रहे हैं। नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि पीथमपुर या इंदौर की जनता की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं होगा। जब तक जनप्रतिनिधि इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाते कि कचरे से जनता के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा, तब तक ट्रक पीथमपुर नहीं पहुंचेंगे। वहीं, गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के मंत्री विजय शाह ने इस मामले में कहा है कि यह प्रक्रिया अदालत के आदेश के तहत पूरी की जा रही है। जिन्हें इस पर आपत्ति है, वे अपनी बात अदालत में रखें। उन्होंने स्पष्ट किया कि अधिकारी अदालत के आदेश का पालन कर रहे हैं।
10 से ज्यादा संगठन कर रहे विरोध
कचरा जलाने के विरोध में 10 से अधिक संगठनों ने 3 जनवरी को पीथमपुर बंद का आह्वान किया है। इनमें पीथमपुर क्षेत्र रक्षा मंच, पीथमपुर ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति, मध्यप्रदेश किसान सभा समेत कई संगठनों ने मांग की है कि भोपाल का जहरीला कचरा अमेरिका भेजा जाए। इसके अलावा, पीथमपुर बचाओ समिति 2 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की तैयारी कर रही है।
महापौर ने भी कहा विरोध का किया समर्थन
मंगलवार को इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, “जब सरकार खुद यूनियन कार्बाइड के औद्योगिक कचरे को जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों के संबंध में शपथपत्र दाखिल कर चुकी है, तो पीथमपुर में इस कचरे को जलाने का निर्णय सही नहीं है। इस मुद्दे पर हम पीथमपुर की जनता के साथ खड़े हैं।”
बता दें भोपाल से कंटेनर में भरकर कचरा पीथमपुर पहुंचेगा। प्रत्येक कंटेनर में औसतन 30 टन कचरा लोड किया गया। इस कार्य में 200 से अधिक मजदूरों को लगाया गया, जिनकी 8 घंटे की बजाय 30 मिनट की शिफ्ट लगाई गई। हर प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई। मंगलवार रात तक कचरे को बैग्स में भरकर कंटेनरों में लोड कर दिया गया। इसके बाद वहां फैक्ट्री में इसे जलाया जाएगा।
पांच महीने जलेगा कचरा
कचरे को जलाने में लगभग पांच महीने का समय लगेगा। पीथमपुर की रामकी एनवायरो में अगर 90 किलोग्राम प्रति घंटे की कचरा जलाया जाए तो इसे खत्म करने में 153 दिन यानी (करीब 5 महीने 1 दिन) लगेंगे। वहीं, 270 किलोग्राम प्रति घंटे की कचरा जलाने पर इसे नष्ट करने में 51 दिन लगेंगे।
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