भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की आदिवासी अधिकार यात्रा को धोखा यात्रा बताते हुए आरोप लगाया कि पूर्व में कांग्रेस के लंबे शासन काल और कमलनाथ के 15 माह के कार्यकाल में जनजाति समाज के कल्याण के लिए कोई कार्य नहीं किए गए।प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने सोमवार को प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए आरोप लगाया कि कमलनाथ जब मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने आदिवासियों के हक और अधिकार को लूटने का काम किया।
आदिवासियों के अधिकार लूटने वालों को यात्रा निकालने का कोई अधिकार नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की जन अधिकार यात्रा सिर्फ नौटंकी है। शर्मा ने कांग्रेस की पिछली सरकार पर कई योजनाओं को बंद करने का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि कमलनाथ आदिवासी अधिकार यात्रा निकालने से पहले बताएं कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते भाजपा सरकार में शुरु की गई जनकल्याणकारी योजनाएं क्यों बंद की थी? प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने सवाल किया कि जब कमलनाथ मुख्यमंत्री थे तब उन्हें अलीराजपुर, झाबुआ, मंडला आदिवासी अंचल याद क्यों नहीं आए ? शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की हमेशा यह नीति रही है कि फूट डालो और राज करो।
आदिवासियों को रखा नेतृत्व विहीन
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आदिवासियों को नेतृत्व विहीन रखा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विपरीत भाजपा ने जनजाति समाज के कल्याण के लिए नेतृत्व खड़ा किया। मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के राज्यपाल जनजाति समुदाय से हैं। भाजपा ने सुमेर सिंह सोलंकी जैसे होनहार और विचारवान आदिवासी युवा को राज्यसभा में भेजा जबकि कांग्रेस ने एक अनुसूचित वर्ग के नेता को दरकिनार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को राज्यसभा भेजना उचित समझा।
उन्होंने कांग्रेस पर जनजाति समुदाय की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने वर्षों तक राज किया लेकिन इस वर्ग को हमेशा ‘वोट बैंक’ माना और इसे नेतृत्व करने का अवसर नहीं दिया। शर्मा ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार ने यह तय किया कि 15 नवंबर को बिरसा मुंडा जयंती को जनजाति समाज के गौरव दिवस के तौर पर मनाया जायेगा और उस दिन अवकाश घोषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 18 सितंबर को जबलपुर में वीर शंकरशाह और रघुनाथ शाह की शहादत दिवस पर गृह मंत्री अमित शाह अभियान की शुरुआत करेंगे।