भोपाल। MP Politics News विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी ने एमपी में प्रचंड जीत हासिल की है। बीजेपी ने 163 सीटों में विजयी हासिल कर बहुमत के साथ सरकार बनाई है।
अब (MP Politics News) बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी एमपी की सभी 29 सीटों पर कब्जा करना चाहती है।
हालांकि अभी (MP Politics News) बीजेपी के पास 28 लोकसभा सीटें हैं। शेष एक सीट छिंदवाड़ा, जहां कांग्रेस का कब्जा है। इस सीट को भी जीतने के लिए बीजेपी ने प्लान तैयार किया है।
इस प्लान में इस बार 11 लोकसभा सीटों पर वर्तमान सांसदों के टिकट कट सकते हैं, इसके अलावा 16 सीटों पर बीजेपी नए चेहरों को मौका देना चाहती है।
इसको लेकर संगठन स्तर पर चर्चा तेज हो गई है।
एमपी में सभी 29 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल करने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर (MP Politics News) बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा पार्टी की गाइडलाइन के अनुरूप टिकट बांटने की तैयारी शुरू कर दी है।
इस गाइडलाइन के अनुरूप फरवरी में इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है। इसके साथ ही एमपी में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी फरवरी के पहले सप्ताह में जारी किए जाने की संभावना हैं।
इन सांसदों को नहीं मिलेगा टिकट
कमजोर परफॉर्मेंस वाले सांसदों के टिकट कटने को लेकर बीजेपी संगठन में चर्चाएं तेज हो गई हैं। उन्हें इस बार लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया जाएगा।
इस संबंध में (MP Politics News) बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया भारतीय जनता पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में अलग प्लान के तहत उतरेगी। इस बार उन सांसदों के टिकट काटने की तैयारी चल रही है, जिनका परफॉर्मेंस कमजोर है।
इसके साथ ही जो नेता तीन या उससे ज्यादा बार सांसद रह चुके हैं, उन्हें इस बार मौका दिए जाने की संभावना कम ही है। (MP Politics News) बीजेपी सूत्रों के अनुसार पार्टी ने एमपी के लिए जो क्राइटेरिया तैयार किया है।
उसके अनुरूप मध्य प्रदेश के वर्तमान 11 सांसदों का टिकट काटा जा सकता है। बता दें इनमें पांच सांसद हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में विधायक बन चुके हैं।
बीजेपी इस बार एमपी में 16 नए चेहरों को मौका दे सकती है।
विधानसभा की तर्ज पर लोकसभा चुनाव फतह की तैयारी
एमपी में (MP Politics News) बीजेपी ने विधानसभा 2023 में प्रदेश की 230 सीटों पर लिस्टवार उम्मीदवारों की घोषणा की थी।
जिसमें सबसे पहले उन सीटों को चिन्हित किया गया था, जहां पर वर्ष 2018 में कांग्रेस के विधायक जीतकर आए थे। इसके बाद उन सीटों को चिन्हित किया था जहां बीजेपी विधायक वर्ष 2018 में कम अंतर से जीते थे।
इसके बाद उन सीटों पर भी मंथन किया गया था जहां, पर वर्ष 2018 में बने विधायकों का 2023 के चुनाव में विरोध हो रहा था। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को भी चुनाव मैदान में उतारकर एमपी में नया प्रयोग किया और इसी प्लान के तहत बीजेपी ने विधानसभा चुनाव 2023 में प्रचंड जीत हासिल की।
इसी प्लान के तहत (MP Politics News) बीजेपी लोकसभा चुनाव में भी प्रत्याशियों की पहली लिस्ट फरवरी में ही जारी कर सकती है।
उन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान हो सकता है, जो कमजोर हैं या फिर हारी हुई सीट हैं।
पहले टिकट के ऐलान से विधानसभा में फायदा
बता दें विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने चुनाव से काफी पहले प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया था, उन सीटों पर पार्टी को 61 प्रतिशत कामयाबी मिली है।
मालूम हो कि एमपी में विधानसभा चुनाव की घोषणा 8 अक्टूबर को हुई थी। जबकि पार्टी ने 39 सीटों पर पहली सूची 17 अगस्त को ही जारी कर दी थी।
ये वो सीटें थी, जहां (MP Politics News) बीजेपी को पिछले विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार 39 में से 24 सीटें बीजेपी ने जीत ली।
सूत्रों का कहना है कि विधानसभा के इस सक्सेस रेट को पार्टी लोकसभा में दोहराना चाहती है।
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विधानसभा में लोकसभा की 10 सीटों पर कमजोर प्रदर्शन
(MP Politics News) बीजेपी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर जो बैठक हुई थी, उसमें सबसे ज्यादा चर्चा उन विधानसभा सीटों की हुई जहां पर बीजेपी का कमजोर प्रदर्शन रहा।
ये सभी विधानसभा सीटें एमपी की 10 लोकसभा सीटों को प्रभावित करती है। बता दें पार्टी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था।
इनमें से 5 सीटों पर जीत मिली जबकि सतना सांसद गणेश सिंह और मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते चुनाव हार गए। बता दें कि एमपी में जो दस लोकसभा क्षेत्र के अंदर आने वाली विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस बीजेपी से आगे रही है।
इन 10 लोकसभा सीटों में से पार्टी ने बैठक के दौरान 5 सीटों को डेंजर जोन में रखा है। इसके अलावा पांच सीटें ऐसी हैं, जहां के मौजूदा सांसदों के लिए खतरे की घंटी मानी जा रही है।
इन सीटों पर कमजोर बीजेपी
एमपी में लोकसभा की 29 सीटों में से एक सीट कांग्रेस के पास है। एक सीट पर (MP Politics News) बीजेपी के केंद्रीय मंत्री रहे नरेंद्र सिंह तोमर ने इस्तीफा दे दिया है।
इसके अलावा भी पांच ऐसी सीटें और है जहां बीजेपी की बढ़त लोकसभा की तुलना में कम हुई है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक ये सभी सीटें ग्वालियर-चंबल, महाकौशल और मालवा अंचल की हैं।
ये सांसद तीन बार से ज्यादा जीते
लोकसभा इलेक्शन तीन बार से ज्यादा चुनाव जीतने वाले सांसदों की रिपोर्ट तैयार की गई है।
(MP Politics News) भारतीय जनता पार्टी के रिकॉर्ड में एमपी की लोकसभा सीटों में जिनमें तीन बार से ज्यादा लोकसभा चुनाव लड़ने या चुनाव जीतने वाले सांसदों में वीरेंद्र कुमार खटीक छह बार सांसद, फग्गन सिंह कुलस्ते छह बार सांसद, गणेश सिंह चार बार के सांसद, छतर सिंह दरबार तीन बार के सांसद हैं।
इन सांसदों की कमजोर रिपोर्ट
एमपी में (MP Politics News) बीजेपी के 7 सांसद ऐसे हैं, जिनकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट कमजोर है। यह रिपोर्ट संगठन स्तर पर पार्टी को मिली है।
इस रिपोर्ट के अनुसार प्रज्ञा सिंह ठाकुर लोकसभा सीट भोपाल, राज बहादुर सिंह सागर, जनार्दन मिश्रा रीवा, विवेक नारायण शेजवलकर ग्वालियर, गजेंद्र सिंह पटेल खरगौन, अनिल फिरोजिया उज्जैन, रोडमल नागर राजगढ़ सांसद की रिपोर्ट ठीक नहीं मिली है।
बड़े नेताओं को दी जिम्मेदारी
एमपी को (MP Politics News) बीजेपी ने सात क्लस्टर में बांटा है। इसके लिए 29 सीटों की जिम्मेदारी बड़े नेताओं को पहले ही दे दी है। ये जिम्मेदारी जिन नेताओं को दी गई है, ये टिकट फाइनल करने से पहले हर संसदीय क्षेत्र की रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को देंगे।
इसके अलावा जातीय और सामाजिक समीकरणों के आधार पर नए चेहरों पर दांव लगाने की भी तैयारी है।
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संघ की विचारधारा को मौका
(MP Politics News) बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि जिन सीटों पर मौजूदा उम्मीदवार बदले जा सकते हैं, उन सीटों पर पार्टी ने संगठन स्तर पर नए लोकसभा उम्मीदवार की तलाश भी शुरू कर दी है।
उम्मीदवारों के चयन के लिए उनका संगठन और संघ में नेतृत्व, समर्पण भाव वाले चेहरों की तलाश की जा रही है, जो संघ की विचारधारा से जुड़े हैं।
दरअसल, पार्टी युवा और नए चेहरे मैदान में उतारकर विधानसभा चुनाव की तरह पीढ़ी परिवर्तन का संदेश देना चाहती है।
छिंदवाड़ा से उम्मीदवारों के ऐलान की संभावना
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में (MP Politics News) बीजेपी ने मप्र की 29 सीटों में से 28 सीटें हासिल की थीं। मात्र छिंदवाड़ा लोकसभा सीट ही ऐसी है जहां बीजेपी को एमपी में हार का सामना करना पड़ा था।
बता दें छिंदवाड़ा ऐसी सीट है जहां 1980 से कमलनाथ परिवार और कांग्रेस पार्टी का कब्जा है। बीजेपी को लंबे अर्से से जीत नसीब नहीं हुई है। 1997 में छिंदवाड़ा सीट पर हुए उपचुनाव में प्रदेश के पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा ने जीत दर्ज करवाई थी। इसके अगले ही साल 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में एक बार फिर कमलनाथ ने ये सीट छीन ली।
इस बार इस सीट को जीतने के लिए पार्टी काफी पहले से तैयारियां शुरू करने के मूड में हैं। इसको लेकर बीजेपी लोकसभा उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की घोषणा छिंदवाड़ा से ही कर सकती है।
इस तरह रहा बीजेपी का वोट शेयर
छिंदवाड़ा जिला: सभी सातों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस की जीत। 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस ने विस 2023 में अपने वोट में 91 हजार से ज्यादा की बढ़ोतरी की है।
मुरैना जिला: विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी को श्योपुर, विजयपुर, सबलगढ़, मुरैना और अंबाह में हार मिली और लोकसभा की तुलना में वोट शेयर 9 फीसदी कम हुआ है।
भिंड जिला: 2018 चुनाव में यहां की सभी 8 विधानसभाओं में बीजेपी को बढ़त मिली थी। इस विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी सिर्फ 4 ही सीट जीत पाई।
ग्वालियर जिला: विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी 6 में से 2 सीटें हार गई हैं। बता दें 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां सीटों पर बढ़त मिली थी।
मंडला जिला: यहां 5 विधानसभा सीटों में पार्टी की हार हुई है। लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को 6 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली थी।
टीकमगढ़ जिला: यहां बीजेपी को 2019 लोकसभा चुनाव में 3 लाख 48 हजार वोट की लीड थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में 75,353 वोट रह गई।
बालाघाट जिला: 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस से 2 लाख 42 हजार वोट अधिक मिले थे, लेकिन विधानसभा में अंतर घटकर 3,506 रह गया।
धार जिला: बीजेपी को 2019 लोकसभा चुनाव में 1 लाख 56 हजार हजार वोट की लीड मिली थी। जबकि विधानसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र से मात्र 4 हजार रह गई।
खरगौन जिला: 2019 में इस संसदीय क्षेत्र में बीजेपी को 2 लाख 2 हजार वोट से जीत मिली थी। जबकि विधानसभा चुनाव में यह 1548 वोट रह गई।
रतलाम जिला: बीजेपी को 2019 लोकसभा चुनाव की तुलना में इस संसदीय क्षेत्र से विधानसभा चुनाव में 67 हजार वोट कम मिले।
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