MP Politics: कांग्रेस विधायक चंदा सिंह गौर ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद राहुल सिंह लोधी द्वारा दायर चुनाव याचिका को खारिज करने के लिए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेस विधायक ने CPC के आदेश 7 नियम 11 के तहत BJP सांसद की याचिका को चुनौती दी है।
हालांकि जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने इस मामले को जनवरी 2025 तक के लिए स्थगित कर दिया है। इस मामले में चंदा सिंह गौर (Congress MLA) की ओर से सीनियर एडवोकेट देवदत्त कामत और राहुल सिंह लोधी की ओर से सीनियर एडवोकेट आत्माराम नादकर्णी ने बहस की।
क्या कहा थंगजाम अरुणकुमार ने?
नादकर्णी ने थंगजाम अरुणकुमार बनाम युमखम एराबोट सिंह मामले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि हलफनामा दाखिल करने की आवश्यकता अनिवार्य नहीं है और पर्याप्त अनुपालन पर्याप्त है।
इससे पहले पीठ द्वारा यह कहा गया था कि इसमें अदालत को केवल यह देखना है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 83 के तहत हलफनामे के लिए निर्धारित प्रारूप क्या है। इस मामले में किस तरह का हलफनामा दायर किया गया है।
हाईकोर्ट ने पहले चुनाव याचिका (MP Politics) को खारिज करने से इनकार कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि हलफनामा निर्धारित प्रारूप में नहीं था, लेकिन यह एक सुधार योग्य दोष है और इस आधार पर चुनाव याचिका खारिज करने योग्य नहीं है।
भ्रष्ट आचरण’ का नहीं है कोई मामला
थंगजाम अरुणकुमार पर नादकर्णी के भरोसे का हवाला देते हुए दूसरी ओर कामत ने न्यायालय (Congress MLA Supreme Court) को बताया कि गौर का मामला एक अलग आधार पर है, क्योंकि उनके अनुसार, चुनाव याचिका को पढ़ने पर भी, ‘भ्रष्ट आचरण’ का कोई मामला नहीं बनता है।
संदर्भ के लिए धारा 83(1) आर.पी. अधिनियम के प्रावधान के अनुसार, जहां ‘भ्रष्ट आचरण’ का आरोप है, वहां चुनाव याचिका के साथ भ्रष्ट आचरण के आरोप और उसके विवरण के समर्थन में निर्धारित प्रपत्र में हलफनामा संलग्न करना होगा।
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क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश (MP Politics) में 2023 के विधानसभा चुनाव में खड़गपुर, जिला टीकमगढ़ से चंदा सिंह गौर के निर्वाचन को राहुल सिंह लोधी ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि चंदा सिंह गौर ने गलत जानकारी/शपथपत्र दिया था।
इसके बाद चंदा सिंह गौर ने इसके जवाब में चुनाव याचिका खारिज करने की मांग की। उन्होंने यह दलील दिया कि राहुल सिंह लोधी द्वारा दायर हलफनामा निर्धारित प्रारूप में नहीं था।
हालांकि, राहुल सिंह लोधी ने तर्क दिया कि यह एक सुधार योग्य दोष है और इस आधार पर चुनाव याचिका खारिज नहीं की जा सकती है। हाईकोर्ट ने पाया कि हलफनामा आवश्यक प्रारूप के अनुसार था और इसके आधार पर चुनाव याचिका खारिज करने का कोई कारण नहीं था।
O7R11 याचिका खारिज
इसके बाद मामले में O7R11 याचिका खारिज कर दी गई और चंदा सिंह गौर ने सुप्रीम कोर्ट (Congress MLA Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया। बता दें, CPC O7R11 या आदेश 7 नियम 11 के प्रावधान में कहा गया है कि यदि वादपत्र में दिया गया कोई बयान किसी कानून द्वारा वर्जित प्रतीत होता है, उसे अदालत अस्वीकार करेगी।
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