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हाइलाइट्स
- एमपी में गरबा पंडालों में गैर-हिंदुओं की एंट्री पर सियासत।
- BJP का अभियान, मुस्लिम परिवारों को गरबे का आमंत्रण।
- BJP नेता बोले- सनातन अपना लें, अम्मी-अब्बा को साथ लाओ।
MP Bhopal Garba Pandals Muslim Entry Controversy: नवरात्रि से पहले मध्य प्रदेश में गरबा पंडालों में मुस्लिमों की एंट्री को लेकर सियासत तेज हो गई है। गरबा पंडालों में भाईजान की एंट्री को लेकर बीजेपी नेताओं के विवादित बयानों से बहस छिड़ गई है। कोई जनेऊ पहनने की शर्त रख रहा है, तो कोई अम्मी-अब्बू और खाला के साथ आने की सलाह दे रहा है। स्थिति यह कि आयोजकों को भी गैर-हिंदुओं की एंट्री पर चेतावनियां दी जा रही हैं। इन बयानों ने गरबा जैसे सांस्कृतिक पर्व को भी राजनीतिक विवादों के घेरे में ला खड़ा किया है। वहीं कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भी तीखा पलटवार किया है।
गरबे में मुस्लिमों की एंट्री पर सियासत
भोपाल में नवरात्रि से पहले गरबा आयोजनों में मुस्लिमों की एंट्री को लेकर शुरू हुआ विवाद अब सियासी मोड़ ले चुका है। गरबा पंडालों में मुस्लिम युवाओं की एंट्री को लेकर बीजेपी नेताओं ने कई बयान दिए, जिससे मामला गरमा गया है। कुछ नेताओं ने कहा कि अगर मुस्लिम भाई गरबा में आना चाहते हैं, तो उन्हें जनेऊ पहनना चाहिए और सनातन धर्म को अपनाना चाहिए। बताया जा रहा है कि गरबे को लेकर बीजेपी नेताओं ने अभियान चलाया जिसमें मुस्लिमों को गरबे में परिवार सहित आमंत्रण दिया गया है।
गरबा पंडाल में जनेऊ पहनकर आओ
महू से बीजेपी विधायक ऊषा ठाकुर (BJP MP Usha Thakur) ने गरबा आयोजन को लेकर कहा कि गरबा सनातन धर्म का पर्व है, जिसमें मां शक्ति की आराधना की जाती है। ऐसे में उन लोगों की मौजूदगी पर सवाल उठता है जो मूर्ति पूजा में आस्था नहीं रखते।
उषा ठाकुर ने कहा, 'इस्लाम को मानने वाले जब मूर्ति पूजा को नहीं मानते, तो वे हमारे धार्मिक आयोजनों में क्यों शामिल होते हैं?' उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी को गरबे में भाग लेना है, तो पहले सनातन धर्म स्वीकार करें और जनेऊ धारण करें। उन्होंने यह भी कहा कि अगर चार-पांच पीढ़ियों की पृष्ठभूमि देखी जाए, तो मुस्लिम समाज के अधिकतर लोगों के पूर्वज सनातनी ही थे।"
भाईजान आएं तो परिवार संग आएं
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि हम तो सनातन का प्रचार-प्रसार करते हुए नवरात्रि पर घर वापसी अभियान चला रहे हैं। उनका कहना है कि गरबे में किसी की भागीदारी पर आपत्ति नहीं, बशर्ते वे सनातन धर्म स्वीकार करें। जो लोग ईसाई, मुसलमान बन गए हैं, अगर वे सनातन धर्म में वापसी करते हैं, तो कोई दिक्कत नहीं है। लड़के अकेले क्यों आ रहे हैं, पूरे परिवार अम्मी, अब्बा और बहनों को साथ साथ लेकर आएं, शर्मा ने कहा कि आने वालों का तिलक, आरती और गंगाजल से स्वागत किया जाएगा।"
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कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने किया पलटवार
इधर, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने बीजेपी नेताओं के गरबा पर दिए बयानों को बेवजह का विवाद बताया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज का गरबे से कोई संबंध नहीं है और न ही उन्हें वहां जाना चाहिए। मसूद ने आरोप लगाया कि बीजेपी त्योहारों से पहले जानबूझकर माहौल खराब करने के लिए ऐसे बयान देती है। बीजेपी नेताओं को विवादित बयान देने की आदत है।
मुस्लिम का गरबे से क्या लेना देना?
कांग्रेस विधायक ने आगे कहा कि जब मुस्लिम समाज गरबे में जाता ही नहीं और नवरात्रि मनाता भी नहीं है, तो धर्म परिवर्तन की बात क्यों उठती है? सरकार आपकी है, कानून आपका है, अगर कोई जान-बूझकर गरबा कार्यक्रम में घुसता है, तो उस पर कार्रवाई कीजिए, लेकिन बार-बार माहौल बिगाड़ने के लिए ऐसे बयान दिए जाते हैं। मुस्लिम समाज का गरबे से कोई लेना-देना नहीं है और न ही उन्हें वहां जाना चाहिए।"
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