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MP Politics Parivarvad
MP Politics BJP Congress Parivarvad: मध्यप्रदेश में राजनीतिक दल भले ही वंशवाद की राजनीति को नकारते हो, लेकिन हकीकत में परिवारवाद है। वंशवाद की राजनीति में मध्यप्रदेश का छठवां स्थान है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच की एक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। जिसमें सभी राज्यों के सांसद और विधायकों के पॉलिटिकल बैकग्राउंड का सर्वे किया गया है। इसमें वंशवाद की राजनीति में मध्यप्रदेश देश की टॉप 10 लिस्ट में जगह बनाए हुए है। मध्यप्रदेश के कुल 270 सांसद, विधायकों और राज्यसभा सदस्यों विश्लेषण किया गया हैं।
21% MP, MLA विरासत को बढ़ा रहे आगे
एडीआर की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, मध्यप्रदेश में कुल 270 में से 57 सांसद और विधायक ऐसे चुने गए हैं, जिनका पुराना पॉलिटिकल बैकग्राउंड रहा हैं। जो आज भी विरासत के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं। जिनका मध्यप्रदेश के कुल सांसद और विधायकों में 21 फीसदी हिस्सा है।
देखें लिस्ट...
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48 विधायकों का राजनीति से पुराना नाता
एडीआर के सर्वे में मध्यप्रदेश के 230 विधायक, 29 लोकसभा सदस्य और 11 राज्यसभा सदस्यों पर विश्लेषण किया गया। रिपोर्ट के अनुसार 230 में से 48 विधायकों का पॉलिटिक्स से पुराना नाता हैं। इनमें भी बीजेपी के 28 और कांग्रेस के 20 विधायक राजनीति विरासत आगे बढ़ा रहे।
9 MP, राज्यसभा सदस्य की पृष्ठभूमि वंशवादी
मध्यप्रदेश में 29 लोकसभा सीटें हैं, इनमें से 5 सीटों के सांसद पॉलिटिकल बैकग्राउंड हैं। इनमें एक पुरुष और चार महिला सांसद शामिल हैं। जबकि मध्यप्रदेश की 11 राज्यसभा सीटों में से 4 सदस्य वंशवादी की पृष्ठभूमि से आते हैं।
MP में कौन बढ़ा रहा राजनीतिक विरासत ?
- ज्योतिरादित्य सिंधिया: गुना के सांसद हैं। इनके पिता माधवराव सिंधिया और दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया भी सांसद रही हैं। उनकी बुआ, यशोधरा राजे सिंधिया और वसुंधरा राजे सिंधिया भी राजनीति में सक्रिय हैं। सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी के सदस्य, महानआर्यमन सिंधिया ने एमपीसीए अध्यक्ष के रूप में पद संभाला है।
- राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह: उनका परिवार इस सूची में सबसे बड़ा नाम है। उनके पिता बलभद्र सिंह राघोगढ़ के शासक थे। दिग्विजय सिंह खुद 10 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। राघोगढ़ सीट से पहले दिग्विजय सिंह, फिर उनके भाई लक्ष्मण सिंह और अब उनके बेटे जयवर्धन सिंह लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं।
- अशोक सिंह: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हैं। उनके पिता राजेंद्र सिंह लंबे समय तक मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे।
- सुमेर सिंह सोलंकी: बीजेपी के राज्यसभा सदस्य हैं। उनके चाचा माखन सिंह सोलंकी 1996 से 2004 तक खंडवा-बड़वानी से सांसद थे।
- कविता पाटीदार: बीजेपी की राज्यसभा सांसद हैं। उनके पिता भेरूलाल पाटीदार चार बार विधायक और 1993 से 1998 तक मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे।
- बालाघाट से सांसद भारती पारधी, रतलाम से अनिता नागर सिंह चौहान, सागर से लता वानखेड़े और शहडोल से हिमाद्री सिंह भी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं।
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