Mp Political News: एमपी की विधायक निर्मला सप्रे (Nirmala Sapre) की सदस्यता को लेकर कांग्रेस कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। पार्टी अब निर्मला की सदस्यता को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ेगी। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की याचिका के 90 दिन पूरे होने के बाद कांग्रेस के लिए कानूनी कार्रवाई का रास्ता खुल गया है। उमंग सिंह ने निर्मला सप्रे की सदस्यता रद्द करने की अर्जी दी थी।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान निर्मला सप्रे प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुईं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंह ने निर्मला सप्रे की सदस्यता रद्द करने की मांग की। इसे लेकर उमंग सिंघार ने विधानसभा में याचिका लगाई थी। नेता प्रतिपक्ष की याचिका पर विधानसभा सचिवालय ने निर्मला सप्रे को नोटिस भेजा था।
निर्मला ने हलफनामे की खबर को झूठा बताया
निर्मला सप्रे ने स्पीकर के नोटिस का दो बार जवाब नहीं दिया। नोटिस का जवाब नहीं देने पर विधानसभा अध्यक्ष ने निर्मला सप्रे को एक सप्ताह का समय दिया है। निर्मला ने 10 अक्टूबर को सीलबंद लिफाफे में जवाब भेजा। यहां बीजेपी संगठन की बैठक में शामिल होने आईं निर्मला सप्रे ने कहा कि मैंने बीजेपी की सदस्यता नहीं ली है। साथ ही विधानसभा में कोई शपथ पत्र भी नहीं दिया गया है। मेरे हलफनामे वाली खबर झूठी है। मैं जल्द ही विधानसभा में पूरी स्थिति स्पष्ट करूंगी।’ मैं जनता की विधायक हूं और वे मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं।
किस पार्टी की हैं निर्मला
निर्मला ने यह भी कहा कि उन्होंने कांग्रेस नहीं छोड़ी है और न ही बीजेपी में शामिल हुई हैं.। उनके इस बयान के बाद सवाल उठ रहे हैं कि वह किस पार्टी से हैं? आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में विजयपुर और बुदनी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है। इन दोनों सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होना है। इधर, बीना विधानसभा उपचुनाव अधर में है।
निर्मला सप्रे ने अभी तक विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। कांग्रेस दलबदल विरोधी कानून के तहत उनके इस्तीफे की मांग कर रही है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की याचिका पर 90 दिन के भीतर भी कोई फैसला नहीं हुआ है। जिसके बाद अब कांग्रेस पार्टी कोर्ट जाएगी। कांग्रेस सबूतों के साथ कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।
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