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MP Police PHQ Bill Scam: तीन पुलिसकर्मियों ने 25 सहकर्मियों के नाम पर ठगे 15 लाख,बनवाए फर्जी मेडिकल बिल, FIR के बाद फरार

Madhya Pradesh (MP) Police PHQ Headquarters Bill Fraud Case: मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय (PHQ) में बड़ा घोटाला सामने आया है। मेडिकल शाखा में पदस्थ तीन पुलिसकर्मियों ने फर्जी मेडिकल बिल बनाकर

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Wasif Khan
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हाइलाइट्स

  • तीन पुलिसकर्मी 15 लाख का फर्जी घोटाला

  • 25 कर्मचारियों के नाम पर बिल बनाकर ठगी

  • एफआईआर के बाद आरोपी फरार, जांच जारी

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MP Police PHQ Bill Scam: मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय (PHQ) में बड़ा घोटाला सामने आया है। मेडिकल शाखा में पदस्थ तीन पुलिसकर्मियों ने फर्जी मेडिकल बिल बनाकर 15 लाख रुपए का गबन कर लिया। आरोपी एएसआई हर्ष वानखेड़े, सूबेदार नीरज कुमार और हेड कॉन्स्टेबल राजपाल ठाकुर ने पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (PTRI) के 25 कर्मचारियों के नाम का दुरुपयोग करते हुए यह खेल रचा। घोटाले का खुलासा होते ही तीनों आरोपी फरार हो गए हैं।

तैयार किए फर्जी मेडिकल बिल

सीनियर अधिकारियों के मुताबिक, फरवरी 2025 में पीटीआरआई के कुछ कर्मचारियों ने संदेहास्पद ट्रांजैक्शन की जानकारी देकर जांच की मांग की थी। जांच में सामने आया कि 2023 से जुलाई 2025 के बीच तीनों आरोपियों ने फर्जी मेडिकल बिल पास करवाकर सरकारी राशि अपने बैंक खातों में डलवाई। यह राशि असल में 25 कर्मचारियों के मेडिकल खर्च के नाम पर जारी की गई थी।

गलती बताकर अपने खातों में डलवाते थे रकम

जांच में खुलासा हुआ कि यह गिरोह बेहद चालाकी से काम करता था। पहले फर्जी मेडिकल बिलों की राशि पीटीआरआई कर्मचारियों के खातों में डलवाई जाती थी। इसके बाद सूबेदार नीरज कुमार कर्मचारियों को फोन कर कहता था कि मेडिकल शाखा से गलती से आपके खाते में रकम पहुंच गई है। वह कर्मचारियों को सरकारी त्रुटि का हवाला देकर वह रकम अपने खातों में ट्रांसफर करवा लेता था। कुछ दिनों तक यह ट्रिक चलती रही, लेकिन लगातार कॉल आने पर कर्मचारियों को शक हुआ और उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत दी।

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पहले भी कर चुके हैं 76 लाख का घोटाला

इस मामले से पहले भी यही तीनों आरोपी फरवरी 2025 में एक बड़े घोटाले में पकड़े जा चुके हैं। तब पीएचक्यू की गोपनीय जांच में सामने आया था कि लेखा शाखा में रहते हुए इन तीनों ने अपने और परिजनों के नाम पर फर्जी मेडिकल बिल बनवाकर 76 लाख रुपए का गबन किया था। उस मामले में तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, हालांकि बाद में जमानत पर छूट गए थे।

एफआईआर के बाद तीनों फरार

डीएसपी ओपी मिश्रा ने इस घोटाले की रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई का प्रतिवेदन सौंपा था। इसके बाद जहांगीराबाद पुलिस थाने में तीनों आरोपियों के खिलाफ कूट रचित दस्तावेज और धोखाधड़ी के तहत एफआईआर दर्ज की गई। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद तीनों आरोपी फरार हो गए हैं। पुलिस अब उनकी तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।

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