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ग्वालियर हाईकोर्ट बेंच का पुलिस भर्ती पर आदेश: कहा-युवाओं की भूल को जीवनभर का अपराध न मानें, 90 दिन में करें पुनर्विचार

MP Police Bharti Gwalior High Court Bench: ग्वालियर हाईकोर्ट बेंच ने पुलिस भर्ती में उम्मीदवारी रद्द करने के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि युवाओं की भूल को जीवनभर का अपराध नहीं माना जा सकता।

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Rahul Garhwal
MP Police Bharti Gwalior High Court Bench Decision reconsideration in 90 days on cancellation of candidature hindi news

हाइलाइट्स

  • मध्यप्रदेश पुलिस भर्ती
  • कैंडिडेट की उम्मीदवारी रद्द करने का केस
  • हाईकोर्ट का आदेश-90 दिन में पुनर्विचार करें
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MP Police Bharti Gwalior High Court Bench Decision: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने पुलिस भर्ती में एक कैंडिडेट की उम्मीदवारी रद्द करने के मामले में अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि किसी युवा से हुई छोटी या तकनीकी भूल को जीवनभर का अपराध नहीं माना जा सकता है। अदालत ने विभाग को 90 दिनों के अंदर कैंडिडेट की उम्मीदवारी पर फिर से विचार करने का आदेश दिया है।

कॉन्स्टेबल के पद पर हुआ था सिलेक्शन

याचिकाकर्ता गुनिराम ने MP पुलिस भर्ती में कॉन्स्टेबल पद के लिए अप्लाई किया था। उसका सिलेक्शन भी हो गया था। हालांकि चरित्र सत्यापन के दौरान उसने एक पुराने मामूली आपराधिक प्रकरण का उल्लेख नहीं किया था। ये मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 294, 323, 427, 506 और 34 से जुड़ा था, जिसमें वो समझौते के आधार पर साल 2011 में ही बरी हो गया था।

2013 में निरस्त की गई थी उम्मीदवारी

पुलिस विभाग में इसी आधार पर 2013 में कैंडिडेट की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी क्योंकि उसने इस केस का जिक्र नहीं किया था। न्यायमूर्ति आनंद पाठक और न्यायमूर्ति पुष्पेंद्र यादव की युगल पीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि संबंधित अधिकारी ने अपराध की प्रकृति, उसकी गंभीरता, आवेदक की भूमिका और भविष्य में उसके आचरण की संभावना पर विचार नहीं किया था।

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[caption id="attachment_913452" align="alignnone" width="873"]gwalior high court मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच[/caption]

युवाओं को मिले सुधार का मौका

ग्वालियर हाईकोर्ट बेंच ने कॉन्स्टेबल कैंडिडेट की उम्मीदवारी निरस्त करने का आदेश रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अत्यधिक तकनीकी आधार पर हुई थी कार्रवाई, 20-22 साल की उम्र की गलती पर युवाओं को सुधार का अवसर मिलना चाहिए, विभाग को सभी तथ्यों का सम्यक मूल्यांकन करने कहा।

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90 दिन में पुनर्विचार करके फैसला लेने का आदेश

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को रद्द कर दिया। मध्यप्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वो कैंडिडेट गुनिराम की उम्मीदवारी पर सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर पुनर्विचार करे और 90 दिनों के अंदर नया फैसला ले। अदालत ने ये भी साफ किया कि ये वह आवेदक की उपयुक्तता पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है, बल्कि केवल निर्णय प्रक्रिया में हुई त्रुटि को सुधारने का निर्देश दे रही है।

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