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हाइलाइट्स
मध्यप्रदेश पुलिस भर्ती
कैंडिडेट की उम्मीदवारी रद्द करने का केस
हाईकोर्ट का आदेश-90 दिन में पुनर्विचार करें
MP Police Bharti Gwalior High Court Bench Decision: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने पुलिस भर्ती में एक कैंडिडेट की उम्मीदवारी रद्द करने के मामले में अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि किसी युवा से हुई छोटी या तकनीकी भूल को जीवनभर का अपराध नहीं माना जा सकता है। अदालत ने विभाग को 90 दिनों के अंदर कैंडिडेट की उम्मीदवारी पर फिर से विचार करने का आदेश दिया है।
कॉन्स्टेबल के पद पर हुआ था सिलेक्शन
याचिकाकर्ता गुनिराम ने MP पुलिस भर्ती में कॉन्स्टेबल पद के लिए अप्लाई किया था। उसका सिलेक्शन भी हो गया था। हालांकि चरित्र सत्यापन के दौरान उसने एक पुराने मामूली आपराधिक प्रकरण का उल्लेख नहीं किया था। ये मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 294, 323, 427, 506 और 34 से जुड़ा था, जिसमें वो समझौते के आधार पर साल 2011 में ही बरी हो गया था।
2013 में निरस्त की गई थी उम्मीदवारी
पुलिस विभाग में इसी आधार पर 2013 में कैंडिडेट की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी क्योंकि उसने इस केस का जिक्र नहीं किया था। न्यायमूर्ति आनंद पाठक और न्यायमूर्ति पुष्पेंद्र यादव की युगल पीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि संबंधित अधिकारी ने अपराध की प्रकृति, उसकी गंभीरता, आवेदक की भूमिका और भविष्य में उसके आचरण की संभावना पर विचार नहीं किया था।
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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच[/caption]
युवाओं को मिले सुधार का मौका
ग्वालियर हाईकोर्ट बेंच ने कॉन्स्टेबल कैंडिडेट की उम्मीदवारी निरस्त करने का आदेश रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अत्यधिक तकनीकी आधार पर हुई थी कार्रवाई, 20-22 साल की उम्र की गलती पर युवाओं को सुधार का अवसर मिलना चाहिए, विभाग को सभी तथ्यों का सम्यक मूल्यांकन करने कहा।
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90 दिन में पुनर्विचार करके फैसला लेने का आदेश
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को रद्द कर दिया। मध्यप्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वो कैंडिडेट गुनिराम की उम्मीदवारी पर सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर पुनर्विचार करे और 90 दिनों के अंदर नया फैसला ले। अदालत ने ये भी साफ किया कि ये वह आवेदक की उपयुक्तता पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है, बल्कि केवल निर्णय प्रक्रिया में हुई त्रुटि को सुधारने का निर्देश दे रही है।
MP में DSP के साले की हत्या: दोस्तों ने FIR में नहीं किया पिटाई का जिक्र, आरोपी पुलिसकर्मी बोले-पैरों पर हल्का बल प्रयोग
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MP Police Pitai Death Update: भोपाल में डीएसपी केतन अडलक के साले उदित गायकी की हत्या के मामले में एक चौकाने खुलासा हुआ है। दरअसल, जिन आरक्षक संतोष बामनिया और सौरभ आर्य के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है, उनके खिलाफ एफआईआर में मृतक के दोस्तों ने अपने बयान में कहीं भी उदित की पिटाई का जिक्र नहीं किया है। जबकि सीसीटीवी फुटेज में आरक्षक संतोष बामनिया और सौरभ आर्य उचित की डंडे से पीटाई करते नजर आ रहे है, हालांकि, एफआईआर में दोनों पुलिसकर्मियों की ओर से दिए बयान में हल्के बल प्रयोग करना स्वीकार किया है। दोनों पुलिसकर्मी एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद से फरार चल रहे हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
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