Madhya Pradesh Unified Pension Scheme (UPS) Rules 2025: मध्यप्रदेश में सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों के लिए नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम यूपीएस को सितंबर तक लागू किया जा सकता है। जिसे विकल्प के रूप में चुनने की आखिरी तारीख 30 सितंबर है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम यूपीएस लागू करने की घोषणा कर चुके हैं। जिसके बाद से प्रदेश सरकार ने इसके नए रूल्स बनाने की प्रोसेस तेज कर दी गई है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार सितंबर 2025 तक यूपीएस को अंतिम रूप देने पर काम कर रही है।
UPS लागू करने की तारीख तय नहीं
मध्यप्रदेश के वित्त अधिकारी के हवाले से बताया जा रहा है कि केंद्र से यूपीएस को लेकर दिशा-निर्देश मिल रहे हैं और यूपीएस लागू करने को लेकर लगातार चर्चा जारी है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि आखिर कब तक यूपीएस लागू किया जाएगा। इस संबंध में उनका कहना है कि यूपीएस लागू करने की तारीख अभी यह तय नहीं की गई है। इसके सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है।
UPS-NPS में अफसर भी उलझे
मध्यप्रदेश में लगभग 207 आईएएस, 450 आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों को एनपीएस और यूपीएस में से एक विकल्प चुनना है। केंद्र सरकार चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी यूपीएस चुनें, जिसे देखते हुए तारीख आगे बढ़ाई गई है। हालांकि, प्रदेश के अधिकारी असमंजस में है कि आखिरी यूपीएस और एनपीएस में से किसे चुना जाए।
यूपीएस से दूरी के तीन कारण
1. कम सरकारी अंशदान:
एनपीएस: कर्मचारी अपनी सैलरी का 10% अंशदान करते हैं और सरकार 14% देती है, जिससे कुल फंड में 24% जमा होता है।
यूपीएस: कर्मचारी का अंशदान 10% रहता है, लेकिन सरकार केवल 10% ही देती है। अतिरिक्त 8.5% राशि अलग पूल में रखी जाती है, जिसका इस्तेमाल केवल पेंशन कम होने पर किया जाएगा।
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2. कम रिटर्न:
एनपीएस: औसत रिटर्न 11.5% है।
यूपीएस: घटकर 9.5% रह जाता है।
3. निवेश की सीमित आजादी:
एनपीएस: कर्मचारी अपने फंड मैनेजर खुद चुन सकते हैं।
यूपीएस: जमा राशि का 88% सरकार तय करती है, जबकि कर्मचारी अपनी पसंद से केवल 12% ही निवेश कर सकते हैं।
पेंशन लाभ में बड़ा अंतर
यूपीएस में अगर अंतिम वेतन 1 लाख रुपए प्रति माह है, तो पेंशन 50,000 रुपए होगी। कर्मचारी की मृत्यु के बाद, पत्नी को 30,000 रुपए पेंशन मिलेगी।
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UPS ना NPS, चाहिए पुरानी पेंशन
नेशनल मोमेंट आफ ओल्ड पेंशन स्कीम संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधू और प्रदेश अध्यक्ष परमानंद ढेहरिया के मुताबिक प्रदेश के साढ़े छह लाख अधिकारी और कर्मचारियों की ओर से संगठन की सिर्फ एक ही मांग है कि हमें ना एनपीएस चाहिए ना यूपीएस चाहिए, सरकार 2005 से बंद पुरानी पेंशन स्कीम प्रथम नियुक्ति तारीख से वरिष्ठता के साथ लागू की जाए।
शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय उपवास
नेशनल मोमेंट आफ ओल्ड पेंशन स्कीम संगठन के प्रांतीय संयोजक ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने बताया कि प्रदेश में साढ़े छह लाख कर्मचारी हैं। पुरानी पेंशन स्कीम की मांग को लेकर प्रदेशभर में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय उपवास किया जाएगा। 25 नवंबर को दिल्ली के जंतर—मंतर मैदान में आंदोलन होगा। कर्मचारी चाहते हैं कि राष्ट्रपति, पीएम, सांसद, विधायक जो पेंशन ले रहे हैं, वह कर्मचारियों को दी जाए। सेवानिवृत्ति के अंतिम महीन का आधा वेतन और महंगाई भत्ते समेत चाहिए। मरते दम तक सभी बीजेपी को समर्थन करते रहेंगे।
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