हाइलाइट्स
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अब एमपी में PDS राशन में गेहूं ज्यादा मिलेगा
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खाद्य मंत्री गोविंद राजपूत के प्रयास से केंद्र की सहमति
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अभी तक राशन में चावल- गेहूं का अनुपात 60:40 था
MP PDS Wheat Quantity Increased: पीडीएस के तहत मिलने वाले अनाज में गेहूं की मात्र बढ़ाए जाने के मध्यप्रदेश सरकार के आग्रह को केंद्र सरकार ने मान लिया है। जिसके अब पात्र हितग्राहियों सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अनाज में 75 प्रतिशत गेहूं और 25 प्रतिशत चावल वितरित किया जाएगा। अभी तक चावल और गेहूं 60 : 40 के अनुपात में दिया जाता था।
अक्सर हितग्राही गेहूं की मात्रा बढ़ाने की करते थे मांग
मध्यप्रदेश के पात्र हितग्राहियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत अब अधिक मात्रा में गेहूं मिलेगा। लंबे समय से राशन लेने वालों की इस मांग को प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के प्रयास से केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।
अब पात्र परिवारों को मिलने वाले खाद्यान्न में 75 प्रतिशत गेहूं और 25 प्रतिशत चावल वितरित किया जाएगा। अभी तक चावल और गेहूं 60:40 के अनुपात में बांटा जाता था।
खाद्यान्न वितरण के इस अनुपात में बदलाव की मांग लंबे समय से की जा रही थी, पर निराकरण नहीं हो पा रहा था। खाद्य मंत्री राजपूत के सामने अक्सर राशन प्राप्त करने वालों की मांग आया करती थी। कहा जाता था गेहूं की मात्रा चावल से ज्यादा की जाए। कुछ राशन लेने वालों ने तो गेहूं की मात्रा 75 प्रतिशत और चावल 25 प्रतिशत करने की मांग की थी।
मंत्री राजपूत के प्रयास से हफ्तेभर में मिली सहमति
खाद्य सुरक्षा कानून के तहत केंद्र द्वारा राज्यों को खाद्यान्न का आवंटन एक निर्धारित अनुपात में किया जाता है। मध्यप्रदेश में बहुसंख्यक आबादी चावल की तुलना में गेहूं का अधिक उपयोग करती है, लेकिन पूर्ववर्ती व्यवस्था इसके विपरीत थी। इस व्यावहारिक विसंगति को दूर करने के लिए मध्यप्रदेश के खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने हाल ही में नई दिल्ली में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी से मुलाकात कर इस मुद्दे को प्रभावशाली ढंग से उठाया, और मात्र एक सप्ताह के भीतर केंद्र से सहमति प्राप्त कर ली।
केंद्रीय खाद्य मंत्री को यह कारण भी बताए
प्रदेश मंत्री राजपूत ने केंद्रीय मंत्री जोशी को यह भी बताया था कि मध्यप्रदेश में चावल की आवश्यकता कम है, जबकि अधिक मात्रा में मिलने वाला चावल अक्सर बाजार में औने-पौने दामों पर बेचा जाता है या दुरुपयोग की आशंका बनी रहती है। इसके विपरीत, यदि हितग्राहियों को उनकी पसंद और जरूरत के अनुसार गेहूं मिले, तो यह व्यवस्था अधिक प्रभावी और पारदर्शी हो सकेगी। साथ ही यह भी बताया कि मध्यप्रदेश में गेहूं बहुतायत में होता है। इस समस्या के समाधान के लिए मप्र में पात्र हितग्राहियों को दिए जाने वाले खाद्यान्न में गेहूं की मात्रा बढ़ाई जाना उचित होगा।
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मंत्री राजपूत बोले- निर्णय से उपयोगिता और स्वीकार्यता बढ़ेगी
खाद्य सुरक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण निर्णय पर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी का मंत्री राजपूत ने आभार व्यक्त किया है।
मंत्री राजपूत ने कहा, पीडीएस का मूल उद्देश्य गरीब और वंचित वर्ग को खाद्य सुरक्षा देना है। नए वितरण अनुपात के तहत अब प्रदेश के हितग्राहियों को अधिक उपयोगी और पसंदीदा अनाज गेहूं, उनकी जरूरत के अनुसार मिलेगा, जिससे योजना की उपयोगिता और स्वीकार्यता दोनों में वृद्धि होगी।
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