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MP Operation Prahar-2
हाइलाइट्स
- डिप्टी सीएम, एमपी भी कह चुके नशे की रोक की बात
- नशे के कारोबार में शामिल पुलिसकर्मियों की सूची तैयार
- 15 दिन में नशा कारोबार मुक्त नहीं कराने पर एक्शन
MP Operation Prahar-2: रीवा जिले में नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ 'ऑपरेशन प्रहार 2' शुरू किया गया।
सोमवार, 27 अक्टूबर को रीवा रेंज के आईजी गौरव राजपूत ने मंच से पुलिसकर्मियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने नशीली सिरप के अवैध कारोबार में पुलिसकर्मियों और थाना प्रभारियों की कथित संलिप्तता को लेकर सार्वजनिक मंच से अपनी नाराजगी व्यक्त की।
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सूची सार्वजनिक होने पर होना पड़ेगा शर्मिंदा
आईजी गौरव राजपूत ने मंच से साफ शब्दों में कहा कि उनके पास उन पुलिसकर्मियों की सूची मौजूद है, जो "तालाब को गंदा करने वाली मछलियों" की तरह हैं। उन्होंने कहा कि हर जगह कुछ ऐसे लोग होते हैं जो तालाब को गंदा करने का काम करते हैं। हमने पिछले चार महीनों में ऐसे (संलिप्त) लोगों की सूची तैयार कर ली है।
4 महीने में तैयार की पुलिसकर्मियों की सूची
आईजी ने कहा कि वह नहीं चाहते कि उन्हें इस सूची पर आगे बढ़कर कोई प्रतिक्रिया देनी पड़े, जिससे संबंधित पुलिसकर्मियों को शर्मिंदा होना पड़े। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि यदि यह सूची सार्वजनिक की गई, तो ऐसे पुलिसकर्मियों के परिवारों को भी लज्जित होना पड़ेगा। इस अभियान में पुलिस के अंदर की अनियमितताओं को भी गंभीरता से लिया जा रहा है।
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रीवा रेंज के आईजी गौरव राजपूत ने मंच से पुलिसकर्मियों को कड़ी चेतावनी दी है।[/caption]
थाना प्रभारियों की मिलीभगत पर सीधे सवाल
आईजी राजपूत ने सीधे तौर पर पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए कहा कि "यह संभव नहीं है कि हर जगह नशीली सिरप की शीशियां पड़ी हैं और थाना प्रभारियों को इसकी जानकारी न हो। अब तक जो हुआ, उसे भुला दिया जाए, लेकिन आगे से लापरवाही या संलिप्तता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर थाना प्रभारी को अपने थाना क्षेत्र को मेडिकल नशे से मुक्त करने की जिम्मेदारी निभानी होगी।
सवाल: क्यों चला रहे ऑपरेशन प्रहार ?
जवाब: विंध्य बना नशे का गढ़, दिल्ली तक बदनाम
आईजी ने नशे की विकरालता को समझते हुए सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर दिया। उन्होंने माना कि विंध्य प्रांत नशे की चपेट में गहरे डूबता जा रहा है और रीवा नशीली सिरप का सबसे बड़ा गढ़ बन चुका है, जिसकी चर्चा भोपाल से दिल्ली तक है। गौरतलब है कि रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला भी इस नशे पर सख्ती से रोक लगाने की बात कह चुके हैं।
सवाल: कहां तक फैल चुका कारोबार ?
जवाब: गांव-गली, मोहल्लों तक फैली नशे की जड़
आईजी ने कहा कि नशे को जड़ से खत्म करना तब तक संभव नहीं है जब तक पुलिसकर्मी इस बात को गहराई से नहीं समझेंगे कि यह गांव-गांव, गली-गली और मोहल्ले-मोहल्ले तक फैल चुका है। यदि यह सामूहिक जवाबदारी बेहतर तरीके से नहीं निभाई गई, तो इसका असर अंतर्मन पर पड़ेगा, जब समाज लज्जा की नजर से देखेगा।
सवाल: क्या पुलिसकर्मियों पर लेंगे एक्शन ?
जवाब: 15 दिन में नहीं सुधरे तो खुद होंगे जवाबदार
आईजी गौरव राजपूत ने स्पष्ट किया अवैध गतिविधियों में लिप्त पुलिसकर्मियों को सुधरने के लिए 15 दिन का समय दिया है। उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि "जो लोग इस तरह की गतिविधियों में लिप्त हैं, वो समय रहते सुधर जाएं। इस अभियान के शुरू होने के 15 दिन बाद वे अपने हश्र के जवाबदार खुद होंगे। उन्होंने दुख व्यक्त किया कि ऐसे पुलिसकर्मियों को लज्जा का हार पहनकर समाज के पास जाना पड़ेगा।
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