MP OBC Reservation Update: मध्यप्रदेश में OBC को 27 फीसदी आरक्षण देने के विरोध में दायर जनहित याचिका हाईकोर्ट से निरस्त होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका पेश होने की संभावना है। इसी के चलते OBC एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड संदीप सेन ने सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को कैवियट दायर की है।
हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
यूथ फॉर इक्वालिटी की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण देने और मध्यप्रदेश में नियुक्तियों में 87:13 का फॉर्मूला लागू करने को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने उक्त याचिका 28 जनवरी को निरस्त कर दी। इसके बाद से ही ये संभावना जताई जा रही है कि हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है, इसलिए एसोसिएशन की ओर से कैवियट दायर की है।
सभी होल्ड कैंडिडेट्स करें ये काम
ओबीसी के विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने बताया कि ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट से बहुत सी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित की गई हैं। इन मामलों में जल्द ही सुनवाई होगी। वेलफेयर एसोसिएशन ने सभी होल्ड अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के ट्रांसफर प्रकरणों में इंटरवीन करें ताकि एकपक्षीय आदेश नहीं हो।
MP में OBC को 27% आरक्षण का रास्ता साफ हो गया ? जानें हाईकोर्ट में PIL खारिज होने के असल मायने
MP OBC Reservation: मध्यप्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण के संवेदनशील मसले पर फिर सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस 27 फीसदी आरक्षण लागू करने की बात कह रही है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि सरकार 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित करे। वहीं बीजेपी, कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का आरोप लगा रही है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि हाईकोर्ट के OBC के 27 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ PIL को खारिज करने के फैसले के असल मायने क्या हैं ? इस मसले पर बंसल न्यूज डिजिटल ने कानूनी एक्सपर्ट से बात करके सवालों के जरिए इसके मायने और असर जानने की कोशिश की है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें…