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MP OBC Reservation: ओबीसी को ST-SC के समान मिले आरक्षण, हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर, जानें क्या है पूरा मामला

MP OBC Reservation: ओबीसी को ST-SC के समान मिले आरक्षण, हाईकोर्ट में याचिका दायर, जानें क्या है पूरा मामला

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Preetam Manjhi
MP OBC Reservation: ओबीसी को ST-SC के समान मिले आरक्षण, हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर, जानें क्या है पूरा मामला

हाइलाइट्स

  • ओबीसी को ST-SC के समान मिले आरक्षण
  • हाईकोर्ट में याचिका दायर कर की गई मांग
  • OBC वर्ग को SC-ST के बराबर आरक्षण की मांग
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MP OBC Reservation: ओबीसी आरक्षण से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर ओबीसी वर्ग को SC-ST के समान अनुपातिक आरक्षण दिए जाने की मांग की है।

आपको बता दें कि एक्टिंग चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पहले लंबित प्रकरणों के साथ लिंक करके सुनवाई के निर्देश दिए हैं। आने वाली 19 जुलाई को सभी मामलों पर सुनवाई होगी।

https://twitter.com/BansalNewsMPCG/status/1813482519683076363

याचिका दायर कर की गई मांग

मध्यप्रदेश हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर मांग की गई है कि प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को उसकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाए।

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OBC वर्ग को SC-ST के बराबर आरक्षण देने की मांग

दायर की गई जनहित याचिका में वैदिक सामाजिक व्यवस्था, ज्योतिबा राव फुले की मांग पर हंटर कमीशन रिपोर्ट, मिलर कमीशन की अनुशंसा, गोलमेज सम्मलेन में आरक्षण पर विमर्श, काका कालेलकर, मंडल आयोग और महाजन आयोग के साथ गौरीशंकर बिशेन आयोग की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। इसमें OBC को आनुपातिक प्रतिनिधित्व देने की बात कही गई है।

हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

जबलपुर की एडवोकेट यूनियन फार डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस नामक संस्था ने ये याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश मे OBC वर्ग (MP OBC Reservation) को SC-ST के समान आरक्षण दिया जाए।

याचिका कर्ता की तरफ से अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह, रामेश्वर सिंह ठाकुल, परमानंद साहू, पुष्पेंद्र शाह और रूप सिंह मरावी ने पक्ष रखा है।

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ये बाताया मूल आधार

दलील दी गई है कि सैकड़ो साल पुरानी भारतीय वैदिक सामाजिक व्यवस्था में आज के सभी OBC वर्ग (MP OBC Reservation) को शूद्र वर्णित किया गया है। मंडल आयोग ने वैदिक सभ्यता मे व्याप्त सामाजिक विषमता और भेदभाव को वर्तमान आरक्षण का मूल आधार बताया गया है।

दिया गया ये तर्क

याचिका में ये तर्क दिया गया है कि 26 जनवरी 1950 से संविधान लागू होने के बाद OBC वर्ग को आरक्षण के अधिकारो से संबंधित काका कालेलकर, मण्डल आयोग, महाजन आयोग और गौरीशंकर बिसेन आयोग की रिपोर्ट भी आई हैं।

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