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MP Nursing Students Protest: भोपाल में नर्सिंग स्टूडेंट्स का प्रदर्शन, 13 सरकारी कॉलेजों की मान्यता-सीटें बढ़ाने की मांग

MP Nursing Students Protest: मध्यप्रदेश के 13 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों को अब तक मान्यता नहीं दिए जाने को लेकर सोमवार, 6 अक्टूबर, 2025 को सैकड़ों स्टूडेंट्स का गुस्सा फूट पड़ा।

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sanjay warude
MP Nursing Students Protest

MP Nursing Students Protest

हाइलाइट्स

  • प्रदेश के सरकारी कॉलेज में नर्सिंग की 860 सीटें
  • 13 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में जरूरी फैकल्टी नहीं
  • एडमिशन की आखिरी तारीख 7 अक्टूबर है
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MP Nursing Students Protest: मध्यप्रदेश के 13 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों को अब तक मान्यता नहीं दिए जाने को लेकर सोमवार, 6 अक्टूबर, 2025 को सैकड़ों स्टूडेंट्स का गुस्सा फूट पड़ा।

भोपाल में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के बैनर तले सैकड़ों स्टूडेंट्स एकजुट हुए और रैली के माध्यम से जय प्रकाश अस्पताल के स्वास्थ्य संचालनालय परिसर पहुंचे। यहां स्टूडेंट्स ने जमकर प्रदर्शन किया और कुछ देर के लिए धरने पर बैठ गए। करीब आठ घंटे तक प्रदर्शन चला। आखिरी में शाम को नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार मुकेश सिंह को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने छात्रों को भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं पर विभाग जल्द उचित कार्रवाई करेगा। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अक्षय तोमर और उपाध्यक्ष अमित हाटिया ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाया, तो राज्यव्यापी चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।

कमियों को दूर कर कॉलेजों की मान्यता जारी करे

एनएसयूआई के प्रदेश प्रभारी रवि दांगी ने कहा कि मध्य प्रदेश के हजारों नर्सिंग छात्र अपनी मांगों को लेकर परेशान है। राज्य के 13 शासकीय नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता नहीं मिलने से सभी का भविष्य अंधेरे में पड़ता नजर आ रहा है। सरकार जल्द से जल्द कॉलेजों की कमियों को दूर करवाने और मान्यता जारी करे। मजबूरन निजी संस्थानों में प्रवेश लेना पड़ेगा। यह रवैया सरकारी संस्थानों को कमजोर कर निजी कॉलेजों को बढ़ावा देने की नीति का हिस्सा है, जिससे छात्रों को चार से पांच गुना महंगी फीस चुकानी पड़ रही है।

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[caption id="attachment_909816" align="alignnone" width="1180"]MP Nursing Students Protest एनएसयूआई के बैनर तले नर्सिंग स्टूडेंट्स ने स्वास्थ्य संचालनालय कार्यालय ​परिसर में धरना दिया।[/caption]

नर्सिंग की सीटें बढ़ाने की मांग, अभी 860 सीटें

मंगलवार को प्रवेश की अंतिम तारीख है, जिससे छात्रों में नाराजगी और बढ़ गई है। नर्सिंग स्टूडेंट्स ने कहा कि सरकारी कॉलेजों में वर्तमान में सरकार ने केवल 860 सीटों पर ही एडमिशन की अनुमति दी है। जबकि 1360 सीटों पर प्रवेश की जरूरत हैं। एनएसयूआई के प्रदेश प्रभारी रवि दांगी ने बताया कि संगठन ने उप मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ला से मांग की है कि सभी 13 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों की कमियां दूर कर जल्द मान्यता दिलाए।

सरकारी कॉलेजों को फायदा पहुंचा रही सरकार

प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि सरकार निजी कॉलेजों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी सीटें नहीं बढ़ा रही है। जबकि फर्जी फैकल्टी वाले निजी कॉलेजों को मान्यता दी जा रही है। निजी कॉलेजों की फीस सरकारी कॉलेजों से चार गुना अधिक है, जिसे वहन करना मुश्किल है। पहले की तरह सरकारी कॉलेजों में 1360 सीटों पर प्रवेश दिया जाए। यह विद्यार्थियों के साथ अन्याय और शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न है।

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जायज मांग का अधिकारी से कराएंगे समाधान

प्रोटेस्ट खत्म होने पर स्टूडेंट्स पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह से मिलने उनके निवास पहुंचे। दिग्विजय सिंह ने छात्रों से विस्तृत चर्चा कर उनकी मांगों को गंभीरता से सुना और कहा कि हम आपकी हर जायज मांग के साथ हैं। मैं संबंधित अधिकारियों से बात कर समाधान का प्रयास करूंगा।

एनएसयूआई व नर्सिंग स्टूडेंट्स की प्रमुख मांगे

  • सभी 13 शासकीय नर्सिंग कॉलेजों में प्राचार्य, उप प्राचार्य, प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति तुरंत की जाए।
  • नियुक्तियों के बाद कॉलेजों को नियमानुसार मान्यता दी जाए।
  • प्रवेश प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ कर सत्र समय पर शुरू किया जाए।
  • निजी नर्सिंग कॉलेजों में फर्जी फैकल्टी और मान्यता की जांच के लिए विशेष समिति बनाई जाए।
  • नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय निगरानी समिति गठित की जाए।
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