हाइलाइट्स
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मध्यप्रदेश का नर्सिंग घोटाला
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INC के चेयरमैन-सचिव को अवमानना का नोटिस
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पेश नहीं की कॉलेजों की मान्यता की फाइलें
MP Nursing Scam: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन और सचिव को अवमानना का नोटिस थमाया है। हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता की फाइलें मांगी थीं, लेकिन INC ने फाइलें पेश नहीं कीं।
हाईकोर्ट में नर्सिंग घोटाले की सुनवाई
प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले में आज मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस डी. के. पालीवाल की युगलपीठ ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान को लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट विशाल बघेल की जनहित याचिका को सभी नर्सिंग मामलों का लीड केस मानते हुए सुनवाई की गई।
कॉलेजों की फाइलें पेश नहीं, हाईकोर्ट की अवमानना
युगलपीठ को याचिकाकर्ता की ओर से नर्सिंग मामले की सिलसिलेवार तथ्यात्मक जानकारी प्रस्तुत की गई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के द्वारा हाईकोर्ट को बताया गया कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल के द्वारा हाइकोर्ट के अनेकों बार आदेश किए जाने के बावजूद नर्सिंग कॉलेज की मान्यता देने से जुड़ी फाइलें पेश नहीं की जा रही हैं और आदेशों की अवमानना की जा रही है।
INC सेक्रेटरी भी कोर्ट में नहीं हुए पेश
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने आईएनसी की सेक्रेटरी को पेश होने के भी निर्देश दिए थे, किंतु उनके द्वारा उस आदेश का पालन भी नहीं किया गया । इस मामले में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर इंडियन नर्सिंग काउंसिल के सेक्रेटरी और चेयरमैन को अवमानना का नोटिस जारी किया है।
याचिकाकर्ता ने की डेटा की मांग
याचिकाकर्ता ने हाइकोर्ट से आग्रह किया कि मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल के द्वारा वर्तमान में की जा रही सत्र 2025-26 की मान्यता प्रक्रिया में जिन कॉलेजों ने आवेदन प्रस्तुत किया है उनका डेटा दिलवाया जाए, जिससे की उनमें हो रही गड़बड़ियों को हाईकोर्ट के सामने रखा जा सके। इसके साथ ही याचिकाकर्ता के ओर से यह भी मांग की है कि CBI को भी निर्देशित किया जाए कि उनके द्वारा की गई संपूर्ण जांच के दस्तावेज सॉफ्ट कॉपी में प्रदान किए जाएं। मामले में हाईकोर्ट ने MP नर्सिंग काउंसिल और CBI को आदेश दिए हैं कि याचिकाकर्ता को डेटा प्रदान किया जाए।
16 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने सुनवाई में ये भी स्पष्ट किया है कि कि कोई भी नर्सिंग से संबंधित प्रकरण जो आगामी सुनवाई के लिए पेश होगा यदि उसकी एक प्रति PIL याचिकाकर्ता सहित INC और MP नर्सिंग काउंसिल को नहीं प्रदान की गई तो याचिका को आदेश की अवहेलना मानते हुए खारिज किया जाएगा। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई तय की है।
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