MP Nursing College Scam: मध्यप्रदेश नर्सिंग कॉलेज घोटाले में एक और एक्शन लिया गया है। MP नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल की तत्कालीन रजिस्ट्रार चंद्रकला दिवगैया को बर्खास्त कर दिया गया है। इससे पहले तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनिता शिजू की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई थीं। अपात्र नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने के मामले में कार्रवाई की गई है।
सुनीता शिजू को किया था बर्खास्त
गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल ने आरोप पत्र को लेकर विभागीय जांच की। इसमें खुलासा हुआ कि सुनीता शिजू ने गंभीर अनियमितताएं की हैं, जो अत्यंत गंभीर कदाचरण श्रेणी की पाई गईं। सुनीता शिजू की सेवा खत्म कर दी गई थीं। वहीं जुलाई 2023 में नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार स्टेला पीटर को हटाया गया था। उस वक्त सुनीता शिजू का ट्रांसफर दतिया मेडिकल कॉलेज में कर दिया गया था।
क्या है नर्सिंग कॉलेज घोटाला
मध्यप्रदेश में साल 2020 में ये बात सामने आई थी कि राज्य नर्सिंग काउंसिल ने ऐसे कॉलेजों को मान्यता दी है जो सिर्फ कागजों पर चल रहे थे। कई नर्सिंग कॉलेज किसी अस्पताल से संबंद्ध नहीं थे। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इस पर कोर्ट ने राज्य के सभी नर्सिंग कॉलेजों की जांच CBI को सौंप दी थी।
अपात्र कॉलेजों को दी गई मान्यता के कारण स्टूडेंट्स के भविष्य से खिलवाड़ हुआ। इसके साथ ही शासन और विभाग की छवि धूमिल हुई। जांच की वजह से 2021 से 2023 तक नर्सिंग परीक्षा नहीं होने से कई स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में चला गया था।
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CBI के अफसरों ने ही ले ली घूस
नर्सिंग घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने के बाद कई खुलासे होने की उम्मीद थी। लेकिन जांच करने वाले ऑफिसर की घूस लेकर कॉलेजों को क्लीन चिट देने लगे। केंद्रीय CBI की टीम ने अपने अफसरों को ही रिश्वत लेते पकड़ा। 2 इंस्पेक्टर्स को बर्खास्त कर दिया गया था।