हाइलाइट्स
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नर्सिंग कॉलेज घोटाले को लेकर हाईकोर्ट ने गठित की कमेटी
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कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कॉलेजों की मान्यता पर होगा फैसला
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रिटार्यड जज राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव को बनाया कमेटी का अध्यक्ष
MP Nursing college scam: एमपी हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों में चल रही गड़बड़ियों को लेकर अहम फैसला सुनाया है. कॉलेजों में गड़बड़ियां (MP Nursing college scam) ठीक करने के लिए हाई कोर्ट ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है. जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की पीठ ने लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए कमेटी का गठन किया। कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही इन कॉलेजों की मान्यता पर निर्णय लिया जाएगा।
कमेटी में ये सदस्य शामिल
जांच कमेटी में हाईकोर्ट के रिटार्यड जज राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव को अध्यक्षता सौंपी गई है. समिति में आईएएस राधेश्याम जुलानिया और इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी अमरकंटक के कुलपति प्रकाश मणि त्रिपाठी भी शामिल हैं. तीनों सदस्य कॉलेजों में अब तक मिली परीक्षा, एडमिशन संबंधित अन्य सभी शिकायतों के आधार पर गड़बड़ियों की जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे.
क्या है पूरा मामला
दरअसल एमपी के नर्सिंग कॉलेजों (MP Nursing college scam) में गड़बड़ियों की शिकायत मिली थी. इसके बाद सीबीआई ने भी जांच मामले की जांच की थी। इसमें सीबीआई ने 169 नर्सिंग कॉलेजों को सही माना था। इसके अलावा 74 कॉलेजों में मानकों की कमी और 65 कॉलेजों को अपात्र पाया गया था। अब हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में बेंच ने आदेश में कहा कि कमेटी सीबीआई की रिपोर्ट के आधार पर मानक पूरा नहीं करने वाले कॉलेजों को खामियां दूर करने के लिए समय प्रदान करेगी। निर्धारित समय अवधि के बाद कॉलेजों की रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जायेगी। रिपोर्ट के आधार पर खामियां दूर नहीं करने वाले कॉलेजों पर राज्य सरकार कार्रवाई करेगी।
कमेटी को मिली ये जिम्मेदारी
1.सीबीआई जांच में कमियों पाए गये 74 कॉलेजों के संबंध में कार्रवाई करना।
2.सीबीआई रिपोर्ट में पाई गई कमियों को सुधार के लिए कॉलेजो को समय देना।
3. जिन कॉलेजों को क्लीनचिट मिली स्टूडेंट्स को उन कॉलेजों में ट्रांसफर करना।
4. गड़बड़ियां करने वाले कॉलेजों को तत्काल बंद करना।
5.कॉलेजों का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने वाले इंस्पेक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा करना।
हाईकोर्ट ने तय किया सीबीआई की जांच का प्रारूप
सीबीआई को भी कोर्ट ने बचे हुए नर्सिंग कॉलेजों के आवेदन फॉर्म के लिए कई बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए। जिसमें मान्यता प्राप्त करते समय बताए गए कॉलेज के एड्रेस, संसाधन, जियो टैगिंग और बिल्डिंग के किराये संबंधित बिंदु शामिल हैं। इन सभी बिंदुओं पर जांच कर 3 महीने में सीबीआई को रिपोर्ट सौंपनी होगी।
बता दें इसी मामले में हाईकोर्ट ने 169 कॉलेजों में से तीन से ज्यादा डुप्लीकेसी पाए जाने पर हर फैकल्टी पर 1-1 लाख रूपए का जुर्माना भी लगाया है।