MP Nursing College Scam: मध्यप्रदेश में बहुचर्चिंत नर्सिंग कॉलेज घोटाले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। 2023 में हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई जांच की रिपोर्ट में घोटाला उजागर हुआ था। अब CBI की दूसरी रिपोर्ट में हैरान कर देने वाला तथ्य सामने आया है।
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 667 नर्सिंग कॉलेज में से 309 को डेफिसिएंट श्रेणी में रखा गया है। यह आंकड़ा पहली रिपोर्ट की तुलना में चार गुना है। पहली रिपोर्ट में पात्र 169, डेफिसिएंट 73 और 66 कॉलेज अयोग्य घोषित हुए थे। वहीं जांच एजेंसी की दूसरी रिपोर्ट में 309 कॉलेजों को डेफिसिएंट माना गया है।
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NSUI ने किया एक लाख रुपये देने का ऐलान
एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने शुक्रवार को नर्सिंग कॉलेज में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि भोपाल में एक नर्सिंग कॉलेज हाईकोर्ट के पास है, जिसका नाम गर्वनमेंट रानी दुर्गावती कॉलेज ऑफ नर्सिंग है।’
उन्होंने कहा कि पहले मैंने भोपाल में हाईकोर्ट ढूंढा जो मुझे नहीं मिला। कॉलेज की ट्रास्ट राज्य सरकार है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल से इसको 60 सीटों की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि हमें यह कॉलेज शहर में कहीं नहीं मिला। रवि परमार ने सरकार से कॉलेज खोजने में मदद की मांग की। उन्होंने कहा कि नर्सिंग कॉलेज ढूंढने वालों को एक लाख रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा।
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तीन सदस्यीय कमेठी का गठन
हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेठी का गठन किया है, जिसमें मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज आर.के. श्रीवास्तव, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राधेश्याम जुलानिया और अमरकंटक विधि विश्वविद्यालय के कुलपति श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी शामिल है। इस कमेटी ने पहली सीबीआई रिपोर्ट में शामिल 73 डेफिसिएंट नर्सिंग कॉलेजों में से केवल 26 को सूटेबल घोषित किया था।
नर्सेस काउंसिल के डिप्टी रजिस्ट्रार और अकाउंटेंट को हटाया
एमपी नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के डिप्टी रजिस्ट्रार चंद्रप्रकाश शुक्ला और अकाउंटेंट राहुल सक्सेना को पद से हटा दिया है। गुरुवार रात आदेश जारी हुए। आदेश में अकाउंटेंट की जिम्मेदारी मोहिनी कुशवाह को सौंपी गई है। अगले आदेश तक उन्हें काउंसिल के अध्यक्ष ऑफिस में अटैच किया गया है।