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MP नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा: सीसीटीवी फुटेज की रिकवरी नहीं, साइबर क्राइम ब्रांच ने HC में बंद लिफाफे में पेश की रिपोर्ट

MP Nursing Scam: मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा में साइबर क्राइम ब्रांच भोपाल ने हाईकोर्ट में सील बंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश की। फिलहाल, सीसीटीवी फुटेज की रिकवरी नहीं हुई

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BP Shrivastava
MP Nursing Scam

MP Nursing Scam: मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा में सोमवार,10 फरवरी को साइबर क्राइम ब्रांच भोपाल ने हाईकोर्ट में सील बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट पेश की। मामले की सुनवाई जस्टिस संजय द्विवेदी तथा जस्टिस एके पालीवाल की युगलपीठ ने की।
रिपोर्ट में साइबर ब्रांच की ओर से बताया गया कि पूर्व महिला रजिस्ट्रार के मोबाइल फोन की लोकेशन प्राप्त हो गई है, लेकिन कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज नहीं मिल पाए हैं। फुटेज की रिकवरी के लिए डीवीआर (DVI) को सेंट्रल लैब भेजा गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी।

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याचिकाकर्ता ने लगाए साक्ष्यों से छेड़छाड़ के आरोप

उल्लेखनीय है कि लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की ओर से यह मामला दायर किया गया था। जिसमें प्रदेश में संचालित फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को कटघरे में रखा गया था। पूर्व में याचिकाकर्ता की तरफ से पेश किए गए आवेदन में कहा गया था कि नर्सिंग घोटाले की अनियमितता में लिप्त एक इंस्पेक्टर को काउंसिल का रजिस्ट्रार तथा तत्कालीन निदेशक को अध्यक्ष बना दिया है। दोनों अधिकारी महत्वपूर्ण पद में रहते हुए साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।

अधिकारियों को ना हटाए जाने पर कोर्ट ने जताई थी नाराजगी

युगलपीठ ने सुनवाई के बाद रजिस्ट्रार अनीता चंद्र तथा अध्यक्ष जितेश चंद्र शुक्ला को तत्काल पद से हटाने के आदेश जारी किये थे। इसके अलावा आवेदक की ओर से कहा गया था कि आदेश के बावजूद भी दोनों अधिकारियों को हटाया नहीं गया है। काउंसिलिंग कार्यालय से रजिस्ट्रार चार बक्से कागजात लेकर गई हैं। दोनों अधिकारियों को पद से नहीं हटाए जाने पर युगलपीठ द्वारा नाराजगी व्यक्त करने पर सरकार की ओर से 24 घंटों में आदेश का पालन करने का आश्वासन दिया गया था।

कोर्ट ने रजिस्ट्रार की ली थी क्लास

उसके बाद हुई सुनवाई दौरान काउंसिल के रजिस्ट्रार की ओर से बताया गया था कि कार्यालय में 13 से 19 दिसंबर तक का सीसीटीवी फुटेज का डाटा उपलब्ध नहीं है। जिसे गंभीरता से लेते हुए युगलपीठ ने कहा था कि आदेश के बावजूद भी डाटा को सुरक्षित नहीं रखा गया। कोर्ट से रजिस्ट्रार लुका-छुपी का खेल, खेल रहे हैं।

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सीसीटीवी फुटेज हासिल करने दिए थे आदेश

युगलपीठ ने पुलिस आयुक्त भोपाल तथा साइबर सेल प्रभारी को आदेशित किया था कि सीसीटीवी फुटेज को पुन: प्राप्त करने सभी संभावित प्रयास करें। तत्कालीन रजिस्ट्रार के फोन लोकेशन की भी जानकारी प्राप्त करें, जिससे कार्यालय में भौतिक उपस्थित सुनिश्चित हो सके। इसके अलावा आसपास में लगे सीसीटीवी फुटेज की भी जांच करें, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि अपराधियों ने क्या-क्या चुराया है।

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हाईकोर्ट ने दी थी चेतावनी

मामले की पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की चेतावनी दी थी। सोमवार को मामले में सुनवाई के दौरान साइबर सेल भोपाल की ओर से संबंधित जानकारी पेश की गई। इसके अलावा यह भी बताया गया कि क्षेत्र में स्थित बैंक के लगे कैमरों की सीसीटीवी फुटेज मांगी गई है। जो अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 25 फरवरी तय की है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आलोक बागरेचा ने पैरवी की।

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मध्यप्रदेश में CM मोहन यादव का ऐलान: देहदान करने वालों को मिलेगा राजकीय सम्मान, ऑर्गन डोनेशन के लिए खुलेगा संस्थान

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