हाइलाइट्स
- हाईकोर्ट ने कहा- निर्धारित डेट पर ही कराएं नर्सिंग परीक्षाएं
- अब किसी भी स्थिति में परीक्षा की तिथि में बदलाव नहीं होगा
- नर्सिंग मामलों की जांच समिति की भूमिका समाप्त
MP Nursing College Scam: मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की फर्जी मान्यता और परीक्षाओं में हो रही देरी को लेकर हाईकोर्ट ने अब सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी भी परिस्थितियों में नर्सिंग पाठ्यक्रमों की प्रस्तावित परीक्षाओं की तारीखों में बदलाव नहीं किया जाए। कोर्ट ने साफ कहा कि ये परीक्षाएं घोषित समय सारणी यानी 28 और 29 अप्रैल से ही आयोजित कराएं। नर्सिंग मामलों के लिए जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल की विशेष पीठ ने अगली सुनवाई 9 मई को निर्धारित की है।
हाईकोर्ट का आदेश, अब नहीं बदलेगी परीक्षा की तारीख
नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता में हुए फर्जीवाड़े के मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका के साथ सभी अन्य नर्सिंग मामलों की सुनवाई शुक्रवार को हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एमपी नर्सिंग काउंसिल और मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी को निर्देश दिए हैं कि किन्ही भी परिस्थितियों में नर्सिंग पाठ्यक्रमों की प्रस्तावित परीक्षाओं में परिवर्तन नहीं किया जाए। गौरतलब है कि प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की जांच के चलते छात्रों की परीक्षाएं कई साल देरी से हो रही हैं। इसके पहले 3-4 बार परीक्षाओं की डेट घोषित कर उन्हें निरस्त या संशोधित किया जा चुका है।
उच्च स्तरीय समिति की भूमिका समाप्त
मामलों की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह निर्देश भी दिए कि नर्सिंग मामलों के लिए हाईकोर्ट के द्वारा गठित उच्च स्तरीय कमेटी की भूमिका अब समाप्त हो चुकी है। अब किसी भी कॉलेज के प्रकरण कमेटी को रिफर नहीं किए जाएंगे। अदालत ने सीबीआई जांच में अनुपयुक्त पाए गए कॉलेजों के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया था।
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अब नर्सिंग काउंसिल करेगी मान्यता का निर्णय
इस उच्च स्तरीय कमेटी को सीबीआई जांच के दौरान पाई गई कमियों की पूर्ति के संबंध में संबंधित कॉलेजों को सूटेबल अथवा अनसुटेबल की श्रेणी में सूचीबद्ध करना था। अब चूंकि नए सत्र की मान्यता प्रक्रिया शुरू की जा रही है, इसलिए अब नर्सिंग काउंसिल ही मान्यता पर निर्णय लेगी। सुनवाई के दौरान शासन की ओर से उप महाधिवक्ता अभिजीत अवस्थी एवं याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आलोक वागरेचा ने पक्ष रखा।
अगली सुनवाई 9 मई को
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 9 मई 2025 को तय की है। तब तक सभी संबंधित संस्थाओं को कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित करना होगा।
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