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Hindus Prohibited: सीवन नदी के किनारे बना सीहोर का आलसेंट चर्च क्रिसमस से पहले जगमगा उठा है। शानदार लाइट से ये सुंदर चर्च और भी सुंदर लग रहा है।
ये चर्च अपने इतिहास के लिए जाना जाता है और इसीलिए सुर्खियों में भी रहता है। लेकिन, सीहोर नगर में ऑफिसर्स कॉलोनी के पास मौजूद ये इस चर्च के गेट पर चिपके हुए पोस्टर के कारण ये चर्चाओं के विषय बन गया है।
'हिंदुओं का आना सख्त मना है'
जब क्रिसमस के दिन सोमवार को कई लोग इस चर्च में इसकी सुंदरता को देखने और क्रिसमस मनाने पहुंचे तो गेट व बाउंड्री पर चिपके पोस्टर को देखकर हैरान रह गए।
गेट पर लगे इन पोस्टर पर लिखा हुआ था कि ‘यहां पर हिन्दुओं का आना सख्त मना है।’ इस तरह के पोस्टर 2-3 जगह लगे हुए थे। कई पोस्टर को तो कुछ लोगों ने फाड़ भी दिया।
फादर ने दी जानकारी
इस बारे में जब चर्च के फादर से बात की गई तब उन्होंने कहा कि किसी अनजान शख्स ने यह पोस्टर बाउंड्रीवाल पर चिपकाए हैं। चर्च के अंदर ऐसा कोई भी पंपलेट नहीं है।
ईश्वर सबके लिए है और उनका दरवाजा सभी के लिए खुला हुआ है। हालांकि क्रिसमस के पर्व की व्यस्तता होने की वजह से अब तक इस मामले की शिकायत चर्च के फादर द्वारा नहीं कराई गई है।
एतिहासिक है ये चर्च
यह चर्च एमपी का एक ऐतिहासिक चर्च है। इस चर्च को स्काटलैंड के ऐतिहासिक चर्च की कापी कहा जाता है। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान सन 1834 में सीहोर में पदस्थ पोलिटिकल एजेंट जे डब्लू ओसबोर्न ने आलसेंट्स चर्च बनवाया था। ये चर्च 27 साल में बनकर तैयार हुआ था।
इसके जैसा ही एक चर्च स्काटलैंड में था। लाल पत्थरों से बना ये चर्च मध्य भारत का पहला चर्च था। यह चर्च अपनी भव्यता एवं सुंदरता के कारण पूरे एमपी के आकर्षण का केंद्र है।
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