इंदौर। पुलिस के आर्थिक अपराध अनुसंधान दस्ते (ईओडब्ल्यू) ने एक स्थानीय अदालत के आदेश पर इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के सेवानिवृत्त अफसर और उसके परिजनों की करीब 1.5 करोड़ रुपये मूल्य की बेहिसाब संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक धनंजय शाह ने संवाददाताओं को बुधवार को बताया कि आईडीए के पूर्व कार्यपालन इंजीनियर विमल कुमार गंगवाल और उनके परिजनों के नाम से खरीदी गईं जिन अचल संपत्तियों को अदालत के हालिया आदेश पर कुर्क किया जा रहा है, उनमें इंदौर में 18 स्थानों पर आलीशान भवन, दुकानें और कृषि भूमि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि गंगवाल की कुल 66 लाख रुपये की चल संपत्तियों को भी कुर्क किया जा रहा है और इनमें सोने-चांदी के जेवरात शामिल हैं। शाह ने कहा, ‘हम अदालत में साबित करने में कामयाब रहे कि गंगवाल ने ये सभी संपत्तियां सरकारी सेवा के दौरान हासिल अवैध धन लाभ से बनाई थीं।’ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार की शिकायत पर गंगवाल के ठिकानों पर वर्ष 2010 में छापे मारे थे और उनकी वैध आय से ज्यादा संपत्तियों का खुलासा किया था। उन्होंने बताया कि ये छापे आईडीए से गंगवाल की सेवानिवृत्ति के चंद महीने पहले मारे गए थे। पुलिस अधीक्षक के मुताबिक इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत स्थानीय अदालत में वर्ष 2016 के दौरान आरोपपत्र पेश किया गया था।
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