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MP News: बैतूल में बना प्रदेश का पहला फारेस्ट कंट्रोल रूम, जंगल के हर हिस्सें पर रहेगी नजर

MP News: वनों को बचाने के लिए बैतूल के दक्षिण वन मंडल में प्रदेश का पहला फारेस्ट कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।

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MP News: बैतूल में बना प्रदेश का पहला फारेस्ट कंट्रोल रूम, जंगल के हर हिस्सें पर रहेगी नजर

MP News: वनों को बचाने के लिए बैतूल के दक्षिण वन मंडल में प्रदेश का पहला फारेस्ट कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, इससे वन मंडल के अंतर्गत आने वाले तीन उप वन मंडल और छह परिक्षेत्र कंट्रोल रूम से सीधे जुड़ गए हैं। जिससे चप्पे-चप्पे पर नजर रखना आसान हो गया है। दक्षिण वन मंडल के डीएफओ विजयानन्थम टीआर की पहल पर वन कटाई करने और सागौन की अवैध तस्करी करने वालों पर अब कड़ी निगरानी कंट्रोल रूम के माध्यम से रखी जाएगी।

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दक्षिण वन मंडल के क्षेत्र में संवेदनशील मार्ग, महाराष्ट्र से सटी सीमा के प्रमुख स्थानों पर 30 स्थानों पर सौर ऊर्जा से संचालित होने वाले फोर जी सीसीटीवी कैमरे स्थापित कर दिए गए हैं। बिजली आपूर्ति संभव न होने पर इन कैमरों को सौर उर्जा से बिजली प्राप्त होगी। इन कैमरों का लाइव प्रसारण डिवीजन कार्यालय कंट्रोल रूम, परिक्षेत्र कार्यालय और उप वनमंडल कार्यालयों में भी होगा।

कई संवेदनशील क्षेत्र है

दक्षिण वन मंडल के डीएफओ विजयानन्थम टीआर ने बताया कि वन मंडल के अंतर्गत परिक्षेत्र मुलताई, भैंसदेही, आठनेर और सांवलमेंढा महाराष्ट्र राज्य की सीमा से लगने के कारण संवेदनशील क्षेत्र हैं। बैतूल बहुमूल्य सागौन की इन क्षेत्रों में प्रचुरता होने के कारण मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र राज्य के सागौन माफिया द्वारा अवैध कटाई और तस्करी की जाती हे।

हाल ही में राजस्थान में इमारती लकड़ी ले जाने वाले हरदा गिरोह से जुड़ा महुपानी अवैध कटाई का मामला और तेलंगाना में अवैध लकड़ी ले जाने वाले नर्मदापुरम गिरोह से जुड़ा मामला वनमण्डल के लिए एक चुनौती के रूप में सामने आए हैं। दोनों मामलों में तस्करों ने प्रमुख सड़कों और प्रमुख टोल नाकों को आसानी से पार कर लिया था। इन घटनाओं को राेकने के लिए अब कंट्रोल रूम बनाया गया है।

आग पर काबू पाने में मिलेगी सफलता

फायर सीजन वर्ष 2023 में आग पर नियंत्रण के लिए दक्षिण वनमंडल स्तर पर फायर कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया। परिणामस्वरूप पिछले वर्ष की तुलना में आग से प्रभावित वनक्षेत्र में कम दर्ज की गई। वनमंडल अंतर्गत मात्र 344 फायर अलर्ट भारतीय वन संरक्षण से प्राप्त हुए जो पिछले वर्ष की तुलना में 69 प्रतिशत कम हैं। भविष्य में फायर कंट्रोल सेंटर का संचालन नियमित रूप से फारेस्ट कंट्रोल रूम के माध्यम से ही करने की योजना भी है।

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