MP News: मध्य प्रदेश पशुपालन विभाग में कोर्ट की अवमानना का मामला सामने आया है। जहां नियम विरुद्ध संचालक की नियुक्ति हुई है। न्यायालय के आदेश के बावजूद, पशुपालन विभाग में पदोन्नति समिति की बैठक 29 अगस्त को टाल दी गई। इसके अगले दिन, प्रभारी संचालक डॉक्टर माहिया के दबाव में बैठक को जल्दबाजी में पूरा किया गया। इसमें उच्च ग्रेड पर वेतनमान पाने के लिए प्रमुख सचिव कार्यालय के स्टाफ ने बड़ी रकम खर्च की। जल्दबाजी में डॉ. पटेल को संचालक बना दिया गया है। अब इस नियुक्ति पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
वरिष्ठता क्रम में नीचे के अधिकारी को बनाया संचालक
समिति ने रातों-रात कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को वंचित करते हुए वरिष्ठता क्रम मे निचले दावेदार डॉक्टर पटेल को रातों-रात संचालक बनाया गया।
पदोन्नति पर उठे सवाल
पशुपालन विभाग द्वारा पदोन्नति बैठक की इस कवायद पर विवाद बड़ने पर स्पीक ने बैठक को न्यायालय के निर्णय के विपरीत बताया है। सामान्य पिछड़ा वह अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था (स्पीक) ने बैठक को उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्णय के विपरीत बताया।
हाईकोर्ट ने पहले भी अधिकारियों की मंशा पर उठाए थे सवाल
पशुपालन विभाग के अधिकारियों की मंशा पर उच्चतम न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने पहले भी सवाल उठाए थे। वहीं कर्मचारी संस्था ने की इस नियुक्ति के स्थगन की मांग की है। कर्मचारी संस्था ने मुख्य सचिव से रातों-रात किए गए पदोन्नति आदेश को कोर्ट की अवहेलना मानते हुए स्थगन की मांग करते हुए अवैधानिक पदोन्नति प्रक्रिया की जांच की मांग की है।