न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग (New Parliament Building) के उद्घाटन में मात्र एक दिन बचा है। कल शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से एक विडियो जारी कर नई संसद भवन का फर्स्ट ऑफिशियल लुक जारी किया। इस विडियो में अशोक स्तंभ से लेकर सांसदों के बैठने वाला कक्ष दिख रहा है।
1 मिनट 48 सेकंड की विडियो
पीएम मोदी की ट्विटर हैंडल से जारी यह विडियो लगभग 1 मिनट 48 सेकंड की है। न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग के इस वीडियो की शुरुआत प्रवेश द्वार से होती है। फिर गुंबद पर लगा अशोक स्तंभ का सिंह चिन्ह दिखता है। इसके बाद नए संसद भवन की बाहरी दीवारें, फिर लोकसभा और राज्यसभा का दृश्य नजर आता है। विडियो में दिख रहा है कि लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष की कुर्सी के पीछे विशाल और भव्य अशोक चक्र स्थापित है।
The new Parliament building will make every Indian proud. This video offers a glimpse of this iconic building. I have a special request- share this video with your own voice-over, which conveys your thoughts. I will re-Tweet some of them. Don’t forget to use #MyParliamentMyPride. pic.twitter.com/yEt4F38e8E
— Narendra Modi (@narendramodi) May 26, 2023
इंदौर में बना है अशोक चक्र
न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग के लोकसभा और राज्यसभा के स्पीकर की सीट के पीछे इसे लगाने का उद्देश्य संसद को सदैव कार्यरत और प्रगतिशील दर्शाना है। यह अशोक चक्र मध्य प्रदेश के इंदौर में बना है। इसे मिश्र धातु से बनाया गया है। यह चक्र न्याय का धर्मचक्र भी है, जो लोकसभा और राज्यसभा के स्पीकर के ‘अहिर्निशं सेवामहे’ और निष्पक्षता को भी उजागर करता है।
अशोक चक्र की विशेषताएं
अशोक चक्र में कुल 24 तीलियां होती हैं। ये तीलियां दिन और रात के 24 घंटे का प्रतीक हैं। इन तीलियों के साथ यह चक्र कर्त्तव्य और निरंतरता को प्रदर्शित करता है। साथ ही इसमें एकता और सहयोग की भावना भी अन्तर्निहित होती है। इसमें विचारों में नयापन, व्यापकता और बौद्धिकता के साथ शक्ति और अधिकारों का गलत उपयोग न करने की बात भी निहित होता है।
न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग में लोकसभा और राज्यसभा के स्पीकर की सीट के पीछे अशोक चक्र लगाने का मकसद व्यक्ति और राष्ट्र को सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक और विकास के साथ-साथ सभी को न्याय उपलब्धता का संदेश देना है।
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