हाइलाइट्स
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मध्यप्रदेश में पहली बार वनकर्मी को शहीद का दर्जा
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डिंडोरी वनमंडल के प्रभारी वनपाल राजेंद्र सिंह कुसरे को शहीद का दर्जा
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राजेंद्र के परिवार को सरकार देगी 25 लाख रुपए की सहायता राशि
MP News: मध्यप्रदेश में पहली बार वनकर्मी को शहीद का दर्जा दिया गया है। डिंडौरी वन मंडल के प्रभारी वनपाल राजेंद्र कुसरे शहीद माने जाएंगे। जंगल की आग बुझाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी थी और निधन हो गया था। सरकार राजेंद्र कुसरे के परिजन को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देगी।
1 मई को जंगल में लगी थी आग
शाहपुरा रेंज के बैढ़न बीट में जंगल में आग लग गई थी। वे अपने सहयोगी के साथ आग बुझाने गए। सारी रात आग बुझाने के बाद सुबह उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। 2 मई को ज्यादा तबीयत बिगड़ने पर उन्हें डिंडौरी के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर्स ने उन्हें हाई ब्लड प्रेशर और लकवा की शिकायत बताकर जबलपुर रेफर कर दिया था।
5 मई को हुआ था राजेंद्र कुसरे का निधन
जबलपुर में हुई जांच के बाद पता चला कि राजेंद्र कुसरे के दिमाग में खून का थक्का जम गया। डॉक्टर्स ने ऑपरेशन की बात कही। राजेंद्र की तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो परिजन उन्हें नागपुर ले गए। 5 मई रविवार को प्रभारी वनपाल राजेंद्र कुसरे का निधन हो गया।
शहीद का दर्जा दिलाने में इनका सहयोग
प्रभारी वनपाल राजेंद्र कुसरे को शहीद का दर्जा दिलाने में जबलपुर के CF कमल अरोरा और प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. दिलीप कुमार का सहयोग रहा। इनकी कोशिशों के बाद वन विभाग ने राजेंद्र कुसरे को शहीद का दर्जा दिया।
डिंडौरी में जंगल की आग
डिंडौरी में अक्सर जंगलों में आग लगती रहती है। 2021-22 में जंगल में आग लगने के 1424 मामले सामने आए थे। 2022-23 में 310 बार जंगलों में आग लगी। 2023 से अब तक जंगल की आग के 208 केस सामने आ चुके हैं। 3 सालों में अब तक 1942 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
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मध्यप्रदेश में जंगल की आग
मध्यप्रदेश में 2021 से लेकर अब तक जंगल की आग के 30 हजार 901 मामले सामने आ चुके हैं। अलग-अलग जिलों के आंकड़े प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. दिलीप कुमार (भोपाल) की ओर से जारी किए गए हैं।
आगर मालवा में 2021 से लेकर अब तक जंगल की आग का एक ही केस सामने आया है।
आलीराजपुर में 2021 से अब तक 414 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
अनूपपुर में 2021 से अब तक 242 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
अशोकनगर में 2021 से अब तक 13 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
बालाघाट में 2021 से अब तक 1383 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
बड़वानी में 2021 से अब तक 270 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
बैतूल में 2021 से अब तक 2185 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
भिंड में 2021 से अब तक 7 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
भोपाल में 2021 से अब तक 86 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
बुरहानपुर में 2021 से अब तक 397 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
छतरपुर में 2021 से अब तक 1054 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
छिंदवाड़ा में 2021 से अब तक 1140 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
दमोह में 2021 से अब तक 87 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
दतिया में 2021 से अब तक 18 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
देवास में 2021 से अब तक 324 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
धार में 2021 से अब तक 483 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
डिंडौरी में 2021 से अब तक 1942 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
गुना में 2021 से अब तक 40 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
ग्वालियर में 2021 से अब तक 63 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
हरदा में 2021 से अब तक 163 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
इंदौर में 2021 से अब तक 138 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
जबलपुर में 2021 से अब तक 375 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
झाबुआ में 2021 से अब तक 98 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
कटनी में 2021 से अब तक 518 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
खंडवा में 2021 से अब तक 2305 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
खरगौन में 2021 से अब तक 407 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
मैहर में 2021 से अब तक 820 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
मंडला में 2021 से अब तक 1033 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
मंदसौर में 2021 से अब तक 40 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
मऊगंज में 2021 से अब तक 260 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
मुरैना में 2021 से अब तक एक बार जंगल में आग लगी है।
नर्मदापुरम में 2021 से अब तक 367 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
नरसिंहपुर में 2021 से अब तक 277 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
नीमच में 2021 से अब तक 114 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
पन्ना में 2021 से अब तक 16 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
रायसेन में 2021 से अब तक 4277 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
राजगढ़ में 2021 से अब तक 7 बार जंगलों में आग लगी है।
रतलाम में 2021 से अब तक 102 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
रीवा में 2021 से अब तक 1448 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
सागर में 2021 से अब तक 235 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
सतना में 2021 से अब तक 3351 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
सीहोर में 2021 से अब तक 305 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
सिवनी में 2021 से अब तक 651 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
शहडोल में 2021 से अब तक 388 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
शाजापुर में 2021 से अब तक एक भी बार जंगल में आग नहीं लगी है।
श्योपुर में 2021 से अब तक 100 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
शिवपुरी में 2021 से अब तक 23 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
सीधी में 2021 से अब तक 720 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
सिंगरौली में 2021 से अब तक 1791 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
टीकमगढ़ में 2021 से अब तक 40 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
उज्जैन में 2021 से अब तक 8 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
उमरिया में 2021 से अब तक 215 बार जंगलों में आग लग चुकी है।
विदिशा में 2021 से अब तक 159 बार जंगलों में आग लग चुकी है।