MP Devi Ahilya University News: इन दिनों पूरे प्रदेश में हरियाली बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है और इसके चलते पौधारोपण अभियान भी चलाया जा रहा है. इसी कदम पर जोर देते हुए अब इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) से यदि कॉलेज की एफिलिएशन लेना है तो पहले कॉलेज कैंपस को 30 प्रतिशत ग्रीन कवर करना होगा.
ऐसा नहीं करने पर एफिलिएशन नहीं मिलेगी. हरियाली का यह नया मापदंड DAVV द्वारा पहली बार जोड़ा जा रहा है. चालू सत्र से तो इसे पूरी तरह लागू करना आसान नहीं दिख रहा, लेकिन आगामी सत्र 2025 से इसे सख्ती से लागू किया जाएगा.
पहले वर्ष में हो सकती है ढील
हालांकि DAVV ने यह माना है कि इस साल नए मापदंड को पूरी तरह से लागू करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि अधिकांश कॉलेजों का नया सत्र शुरू हो चुका है और एफिलिएशन प्रक्रिया जारी है।
इसलिए, पहले वर्ष में कॉलेजों को इस नए मापदंड के अनुपालन में थोड़ी छूट दी जाएगी। हालांकि, दूसरे वर्ष से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी संबद्ध कॉलेज इस मापदंड का कठोरता से पालन करें।
नए मापदंड के तहत कॉलेजों को कुल जमीन के 30 प्रतिशत हिस्से में पेड़ लगाने होंगे।
विस्तृत गाइडलाइन कर रहे हैं तैयार
यूनिवर्सिटी को तय मापदंड का पालन न करने की स्थिति में किसी भी कॉलेज की संबद्धता रोकने या सशर्त जारी करने का अधिकार तो है ही, वह कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर नया सत्र शुरू होने से पहले किसी भी कॉलेज की संबद्धता खारिज भी कर सकती है. यूनिवर्सिटी इसकी विस्तृत गाइडलाइन तैयार कर रही है.
विश्वविद्यालय प्रशासन का दृष्टिकोण
वहीं DAVV के डीसीडीसी डॉ. राजीव दीक्षित ने कहा कि यह मापदंड पहली बार जोड़ा जा रहा है। विश्वविद्यालय ने पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी है और यह कदम उसी दिशा में एक आवश्यक कोशिश है।
रजिस्ट्रार डॉ. अजय वर्मा ने बताया कि नालंदा कैंपस में एक बड़े इलाके में हरियाली की गई है और अब UTD कैंपस में भी 30% इलाके को हरियाली से जोड़ने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि हमारे सभी कैंपस हरियाली से भरे हों और हम इस दिशा में लगातार प्रयास करते रहेंगे।”