छत्तरपुर। जिले में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ग्राम पंचायत के एक उच्च जाति के सचिव द्वारा दलित सरपंच और उनके परिवार के सदस्यों के साथ कथित तौर पर मारपीट किये जाने की घटना को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने सोमवार को राज्य सरकार को एक नोटिस भेजा। स्वतंत्रता दिवस पर रविवार को ध्वजारोहण कार्यक्रम के दौरान धामची गांव में हुई इस कथित घटना पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने अपने अध्यक्ष विजय सांपला के आदेश पर मध्य प्रदेश सरकार से फौरन कार्रवाई की रिपोर्ट (एटीआर) तलब की है। सरपंच हन्नू बसोर ने मीडिया को बताया कि जब काफी देर तक पंचायत सचिव सुनील तिवारी नहीं आए तो गांव वालों के कहने पर मैंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण किया। इस बात को लेकर तिवारी नाराज हो गए और उन्होंने मेरी पिटाई कर दी। उन्होंने मुझे लात भी मारी और मेरी पत्नी को भी धक्का दिया।
वहीं, नगर पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह ने सोमवार को मीडिया को बताया कि ओरछा रोड थाना क्षेत्र के धामची गांव में ध्वजारोहण के बाद मिठाइयां बांटी जानी थी। उसे लेकर सरपंच और सचिव के मध्य विवाद हुआ, जिसमें सचिव द्वारा अभद्रता की गई थी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। सिंह ने बताया कि स्थिति की नजाकत को देखते हुए गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है। ओरछा रोड पुलिस थाना में तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया कि इस मामले में एससी/एसटी एक्ट के तहत और मारपीट करने का एक मामला दर्ज किया गया है। आयोग को मिली सूचना के मुताबिक कथित घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और इसे कई समाचार वेबसाइटों ने इस्तेमाल किया।
झंडा फहराने से थे नाराज
वीडियो में कथित तौर पर हन्नू बसोर की सुनिल तिवारी द्वारा पिटाई करते देखा जा सकता है, जो उसकी अनुपस्थिति में सरपंच के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान झंडा फहराने से नाराज था। एक बयान में कहा गया है कि ऑनलाइन समाचार वेबसाइटों पर 16 अगस्त को प्रकाशित खबरों के जरिए आयोग को सूचना मिली कि सरपंच की पत्नी और पुत्रवधू की भी सचिव द्वारा उस वक्त पिटाई की गई, जब वह सरपंच को बचाने पहुंची थीं। सरपंच की पिटाई का कथित वीडियो वायरल होने के शीघ्र बाद सांपला ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक तथा छतरपुर जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को पोस्ट या ईमेल के जरिए एटीआर सौंपने को कहा है।
सांपला ने अधिकारियों को आगाह किया कि यदि एटीआर नहीं प्राप्त हुई तो आयोग संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत प्रदत्त दीवानी अदालत की अपनी शक्तियों का उपयोग कर सकता है और दिल्ली में आयोग के समक्ष उनकी व्यक्तिगत पेशी के लिए समन जारी कर सकता है। सांपला ने ट्वीट किया, बड़े दुख की बात है कि आज़ादी की पावन बेला पर झंडा फहराने पर अनुसूचित जाति के सरपंच के साथ मारपीट की जाती है। मप्र सरकार के मुख्य सचिव और डीजीपी तुरंत कार्रवाई करें और कार्रवाई की रिपोर्ट आयोग को भेजें।