हाइलाइट्स
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6 जून को दोनों अचानक हुईं थीं लापता
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पश्चिम बंगाल के बॉर्डर पर 8 साल रह चुकी थी आकांक्षा
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शहाना के घर भी ढूंढ आई थी आकांक्षा की मां
MP News: ग्वालियर की टेकनपुर छावनी से गायब हुईं बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स (BSF) की 2 लेडी कॉन्सेबल खातून और आकांक्षा निखर 36 दिन बाद मिल गईं हैं। दोनों पश्चिम बंगाल की मुर्शिदाबाद बॉर्डर पर मिली हैं। दोनों से BSF के अफसरों ने पूछताछ की तो दोनों ने अपनी मर्जी से साथ जाना बताया।
आपको बता दें कि दोनों लेडी कॉन्सेटबल को आखिरी बार 6 जून 2024 को देखा गया था। इनमें आकांक्षा निखर जबलपुर और शहाना खातून पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रहने वाली हैं।
6 जून को दोनों अचानक हुईं थीं लापता
6 जून को 2024 को कॉन्स्टेबल शहाना खातून और आकांक्षा निखर अचानक रहस्यमय तरीके से (BSF) अकादमी से लापता हो गईं थीं। दोनों के अचानक गायब हो जाने के बाद BSF अकादमी ने बिलौआ थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। तभी से दोनों की तलाश की जा रही थी।
जबलपुर के जोगी मोहल्ला में रहने वाली आकांक्षा निखर उम्र 30 साल BSF के STC में बतौर प्रशिक्षक के पद पर पदस्थ थी। दिसंबर 2023 में उसकी रूम पार्टनर 15 दिनों के लिए छुट्टी पर चली गई थी। इसी दौरान पश्चिम बंगाल की रहने वाली शहाना खातून ने BSF में खुद को अटैच कराया था।
ऐसे हुई दोस्ती की शुरुआत
आकांक्षा का रूम खाली होने की वजह से शहाना को उसी के साथ रुकने दिया गया। यहीं से दोनों की दोस्ती की शुरुआत हुई। इसके बाद दोनों की दोस्ती इतनी गहराई कि दोनों ने एक-दूसरे को अपनी दुनिया मान लिया।
दोनों टेकनपुर छावनी में किसी से बात तक नहीं करती थीं, उन्होंने सभी से दूरियां बना ली थी। यहां तक की दोस्ती होने के बाद दोनों एक दूसरे के घर जाकर भी रहीं, लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी।
पश्चिम बंगाल के बॉर्डर पर 8 साल रह चुकी थी आकांक्षा
आकांक्षा पश्चिम बंगाल के बॉर्डर अकादमी में 8 साल तक रह चुकी हैं। हालांकि शहाना भी वहां पर थी, लेकिन दोनों की दोस्ती नहीं थी। इसके बाद आकांक्षा ग्वालियर में टेकनपुर छावनी आ गई। इसके 2 साल बाद शहाना भी यहां आ गई।
बता दें कि आकांक्षा की मां उर्मिला निखर ने ये आशंका जताई है कि शहाना प्लानिंग के तहत पश्चिम बंगाल से ग्वालियर (MP News) आई होगी, जबकि उसका घर और जॉब वहीं है।
शहाना के घर भी ढूंढ आई थी आकांक्षा की मां
मामले में आकांक्षा निखर की मां उर्मिला का कहना था कि जब उनकी बेटी लापता हुई थी तो वह उसकी तलाश में पश्चिम बंगाल की रहने वाली शहाना के घर खातून भी पहुंची थी।
यहां शहाना के परिजनों ने किसी को मिलने नहीं दिया था। इतना ही नहीं परिजनों ने बेटियों के बारे में जानकारी भी नहीं दी थी। इसके बाद वे वहां से मायूस होकर लौट आईं थी। इसके बाद उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बताया था कि मेरी बेटी की जान को खतरा है और उसे किडनैप किया गया है।
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