भोपाल/राजगढ़। महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में गन्ने के खेतों में बंधुआ मजदूर के तौर पर काम कर रहे मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के 39 लोगों को पुलिस ने मुक्त कराया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि एक ठेकेदार इन लोगों को एक माह पहले पड़ोसी राज्य के कोल्हापुर में ले गया गया था लेकिन वहां पहुंचने के बाद से श्रमिकों को उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कुछ दिन पहले नरसिंहगढ़ के विधायक ने 39 बंधुआ मजदूरों के महाराष्ट्र के कोल्हापुर में फंसे होने की सूचना दी थी। मैंने तुरंत कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक से बात की और उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए एक पुलिस दल यहां से भेजा। शुक्रवार को मजदूर अपने घर पहुंच गए।’’ पुलिस अधिकारी ने कहा कि राजगढ़ के अंबेडकर नगर निवासी पारदी ने कोल्हापुर के इसपुरली थाना क्षेत्र के गिरगांव गांव में बंधुआ मजदूर के रुप में फंसे 39 लोगों के समूह का हिस्सा होने की सूचना दी थी।’’
अधिकारी ने बताया, ‘‘मध्यप्रदेश के बुरहानपुर का एक ठेकेदार महमूद खान उन्हें कोल्हापुर ले गया था और मजदूरों को गिरगांव के महेश मधुकर चौहान को सौंप दिया था। जब इन श्रमिकों ने 25 दिन काम करने के बाद मजदूरी मांगी तो चौहान ने उन्हें बताया कि उनका पैसा खान को भुगतान कर दिया गया है और फिर मजदूरों को वहां से जाने से रोक दिया।’’
शर्मा ने कहा कि श्रमिकों के समूह में शामिल एक महिला ने वहां बच्चे को भी जन्म दिया। मजदूरों के बयान ले रहे हैं इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। श्रमिकों के मुक्त होकर यहां पहुचने पर स्थानीय विधायक सहित जिला कलेक्टर हर्ष दीक्षित और पुलिस अधीक्षक ने उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने के लिए पुलिस की प्रशंसा की है।