टीकमगढ़। MP News छुट्टी बिताने के लिए अपने गांव आए सेना के जवान की हार्ट अटैक से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि सेना का जवान अपने गांव मरगुवां के पास के गांव में क्रिकेट खेल रहा था।
तभी उसे अचानक से सीने में दर्द हुआ और उसकी तबीयत बिगड़ गई। परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से रेफर कर दिया, लेकिन जवान ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
बताया जा रहा है कि वह एक महीने की छुट्टी पर घर आया था और 6 फरवरी को वह अपनी ड्यूटी पर वापस लौटने वाला था। घटना के बाद उसके घर पुलिस भी पहुंच गई। जवान की मौत के बाद गांव में मातम है। वहीं परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
जानकारी के अनुसार (MP News) टीकमगढ़ जिले के लिधौरा के मरगुवां गांव के रहने वाले विनोद वंशकार (35) अपने घर पर ड्यूटी से छुट्टी बिताने के लिए अपने परिवार और अपने गांव वालों से मिलने आया था।
बताया जा रहा है कि वह पास के गांव विरऊ में क्रिकेट मैच खेलने गया था। तभी रविवार शाम को उसे हार्ट अटैक आया। परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए।
जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही जवान ने दम तोड़ दिया।
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अचानक बिगड़ी तबीयत
मरगुवां गांव के लोगों ने बताया कि रविवार को विनोद वंशकार पास के गांव विरऊ में क्रिकेट मैच खेलने गया था। इसी दौरान उसके सीने में दर्द हुआ। इसके बाद जवान ने वहीं पास में लिधौरा में चेकअप कराया। इसके बाद रात को इलाज के लिए परिजन (MP News) जिला अस्पताल लेकर गए। उपचार के दौरान तबीयत बिगड़ी और देर रात उसकी मौत हो गई। सुबह परिजन शव को लेकर गांव आए।
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विनोद की सहारनपुर में थी ड्यूटी
परिजनों ने बताया कि विनोद वंशकार अपने घर एक महीने की छुट्टी में 6 जनवरी को आया था। वह वापस 6 फरवरी को लौटने वाला था। उन्होंने बताया कि विनोद वर्तमान में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पदस्थ होकर ड्यूटी कर रहा था। आर्मी जवान विनोद वंशकार की मौत के बाद गांव में मातम का माहौल है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
घर पहुंची पुलिस, सागर कैंप से आए अधिकारी
आर्मी जवान की मौत के बाद पुलिस भी मौके पर उसके घर पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि सागर आर्मी कैंप से सेना के अधिकारी भी पहुंच गए हैं।
विनोद पर निर्भर था परिवार
गांव के लोग बताते हैं कि विनोद एक किसान परिवार से था। उसके परिवार में माता-पिता और उसकी पत्नी व दो बेटे हैं। एक बड़ा भाई है जो पैरों से दिव्यांग हैं। उसका पूरा परिवार खेती-किसानी के साथ मजदूरी कर अपना भरण-पोषण करता है। वर्ष 2013 में जब विनोद सेना में भर्ती हुआ तो उसके घर की आर्थिक तंगी दूर हुई, उसका पूरा परिवार विनोद पर ही निर्भर था। विनोद वंशकार की मौत के बाद उसके परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
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