MP News: भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण भोपाल द्वारा चालू परियोजनाओं में रेरा मध्यप्रदेश के त्रैमासिक जमा होने वाले सी ए सर्टिफिकेट को लेकर की जाने वाली मनमानी के विरुद्ध जबलपुर उच्च न्यायलय में अधिवक्ता राजेश मेहंदीरत्ता के माध्यम से अपील दायर की गयी थी। जिसमे न्यायलय ने उनकी अपील को उचित मानते हुए वर्तमान सी ए सर्टिफिकेट पर रोक लगा दी हैं।
जबलपुर उच्च न्यायलय का दरवाजा खटखटाया
इससे पहले क्रेडाई भोपाल द्वारा अनेकों बार रेरा मध्यप्रदेश को सी ए सर्टिफिकेट में होने वाली त्रुटी के बारे में पत्रों के माध्यम से, वर्कशॉप के माध्यम से, मुलाकात करके अवगत कराया गया था लेकिन रेरा मध्यप्रदेश ने क्रेडाई भोपाल के द्वारा दिए गए सुझावों को एक सिरे से नकारकर ख़ारिज कर दिया।
इसके बाद न्याय के लिए क्रेडाई भोपाल ने अपने अधिवक्ता विनोद जोशी के माध्यम से अपीलेट ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया। अपीलेट ट्रिब्यूनल में रेरा मध्यप्रदेश के अधिवक्ता द्वारा स्पस्ट रूप से स्वीकार किया गया कि त्रैमासिक सीए सर्टिफिकेट में त्रुटी है और वह नियम विरुद्ध भी हैं।
नया सी ए सर्टिफिकेट जल्द तैयार
वहां क्रेडाई भोपाल को आश्वाशन दिया गया कि नया सी ए सर्टिफिकेट तैयार किया जा रहा हैं और जल्द ही इसे लागू कर दिया जायेगा। रेरा मध्यप्रदेश द्वारा लगातार की जा रही नियमों की अवहेलना पर अपीलेट ट्रिब्यूनल भी न्यायाधीशों का कोरम पूरा न होने के कारण कोई कार्यवाही करने में असमर्थ महसूस कर रहा था।
उच्च न्यायलय में अधिवक्ता राजेश मेहंदीरत्ता के द्वारा दिए गए तर्कों के आधार पर न्यायालय ने केस की गंभीरता को समझते हुए निर्णय दिया कि केस की अगली सुनवाई होने तक क्रेडाई भोपाल एवं उसके सदस्य को भू सम्पदा एक्ट २०१६ के नियमों के अनुसार त्रैमासिक सी ए सर्टिफिकेट जमा करने की अनुमति प्रदान की जाती हैं।
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